सुष्मिता सेन की जब भी बात होती है तो उन दो लड़कियों का भी जिक्र हो ही जाता है, जिनकी जिंदगी एक्ट्रेस ने बदल दी। सुष्मिता सेन ने आज तक शादी नहीं की लेकिन वो दो बेटियों की मां हैं। उन्होंने महज 25 साल की उम्र में पहली बेटी रेनी को गोद लिया था. उसका पालन पोषण किया और फिर 10 साल बाद दूसरी बेटी अलीशा को गोद लिया. वो आज भी दोनों बेटियों की अकेले परवरिश कर रही हैं। आइए आज आपको समझाते हैं भारत में बच्चे को गोद लेने को लेकर क्या है नियम।
ये है गाइडलाइंस
इच्छुक माता-पिता भारत में बच्चे को गोद लेकर न केवल अपने जीवन में खुशी ला सकते हैं, बल्कि एक बच्चे के भविष्य को सुरक्षित और उज्जवल बना सकते हैं। भारत में गोद लेने की प्रक्रिया भले ही विस्तृत हो, लेकिन यह सुनिश्चित करती है कि बच्चे को एक सुरक्षित और प्यार भरा घर मिले। गोद लेना न केवल एक संवेदनशील जिम्मेदारी है, बल्कि यह समाज में बदलाव लाने का एक सकारात्मक कदम भी है। भारत में बच्चे को गोद लेना (अडॉप्शन) केंद्रीय दत्तक संसाधन प्राधिकरण (CARA) के अधीन आता है, जो भारत सरकार का एक वैधानिक निकाय है।
क्या सिंगल वुमन बच्चे को गोद ले सकती है?
हां, सिंगल वुमन भारत में बच्चे को गोद ले सकती हैं। - सिंगल महिला की आयु और उनकी आर्थिक, भावनात्मक, और सामाजिक स्थिति का आकलन किया जाता है। सिंगल वुमन केवल एकल माता-पिता के रूप में गोद ले सकती हैं। यदि वे 25 वर्ष से अधिक उम्र की हैं, तो वे दत्तक प्रक्रिया में हिस्सा ले सकती हैं।
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