फ़िलिस्तीनी अभिनेता-निर्देशक मोहम्मद बकरी का 72 वर्ष की आयु में इज़राइल में निधन हो गया। ‘होमलैंड’ और ‘बियॉन्ड द वॉल्स’ जैसी अंतरराष्ट्रीय कृतियों में उनके अभिनय को विशेष पहचान मिली थी।
जाने-माने फ़िलिस्तीनी अभिनेता और निर्देशक मोहम्मद बकरी का इज़राइल में निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे और लंबे समय से दिल से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे। बकरी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टीवी सीरीज़ ‘होमलैंड’ और ऑस्कर-नॉमिनेटेड 1984 की फ़िल्म ‘बियॉन्ड द वॉल्स’ में उनके दमदार अभिनय के लिए पहचाना जाता था। उत्तरी इज़राइल में जन्मे बकरी का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव अल-बिनेह में ही किया गया।
मोहम्मद बकरी का करियर और भूमिकाए
हाल ही में वह अमेज़न प्राइम विडियो के बाइबिल ड्रामा ‘हाउस ऑफ़ डेविड एंड द वंडर प्रोजेक्ट’ के सीज़न-2 में नजर आए थे, जहां उन्होंने एदोम के राजा का किरदार निभाया था। अपने लंबे करियर में मोहम्मद बकरी ने फ़िलिस्तीनी-इज़राइली संघर्ष, ज़ुल्म, पहचान और आज़ादी की जद्दोजहद जैसे संवेदनशील विषयों को अपनी फिल्मों और अभिनय के ज़रिये आवाज़ दी। ‘होमलैंड’ में उन्होंने अफ़गानिस्तान के एक काल्पनिक वाइस प्रेसिडेंट की भूमिका निभाई थी, जिसका अनपेक्षित व्यवहार CIA एजेंट कैरी मैथिसन के लिए लगातार मुश्किलें खड़ी करता है।
इजरायल ने तिलमिलाकर बैन कर दी थी डॉक्यूमेंट्री
उन्हें सबसे बड़ी पहचान ‘बियॉन्ड द वॉल्स’ से मिली थी, जो एक प्रभावशाली जेल ड्रामा थी और जिसे बेस्ट फ़ॉरेन लैंग्वेज फ़िल्म कैटेगरी में ऑस्कर नॉमिनेशन मिला था। निर्देशक के तौर पर बकरी 2003 की डॉक्यूमेंट्री ‘जेनिन, जेनिन’ के लिए भी जाने जाते हैं, जिसमें संघर्ष के दौरान फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों पर हुए कथित अत्याचारों को दिखाया गया था। यह फिल्म इज़राइल में प्रतिबंधित कर दी गई थी।
अरब लेखक और राजनेता के जीवन पर बनाई डॉक्यूमेंट्री
उन्होंने 2005 में डॉक्यूमेंट्री ‘सिंस यू’व बीन गॉन’ का निर्देशन भी किया, जो प्रसिद्ध अरब लेखक और राजनेता एमिल हबीबी के जीवन और कार्यों पर आधारित थी। मोहम्मद बकरी का फिल्म और टेलीविजन करियर कई दशकों तक फैला रहा। उनके प्रमुख कामों में HBO की ‘द नाइट ऑफ़’, FX की ‘टाइरेंट’, Peacock की ‘दोज़ अबाउट टू डाई’, ‘ऑल दैट्स लेफ्ट ऑफ़ यू’ (2025), ‘द काइरो कॉन्सपिरेसी’ (2022), ‘द स्ट्रेंजर’ (2021), ‘वाजिब’ (2017) और ‘द फ्लावर्स ऑफ़ किरकुक’ (2010) शामिल हैं। मोहम्मद बकरी की प्रभावशाली ऑन-स्क्रीन मौजूदगी और सशक्त अभिनय ने अरब ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सिनेमा पर भी गहरी छाप छोड़ी।
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