सर्दियों में सबसे बड़ी चुनौती कोहरे से निपटने की है। इसके साथ ही बड़े शहरों में कोहरा और एयर पॉल्यूशन मिलकर आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
सर्दियों में सबसे बड़ी चुनौती कोहरे से निपटने की है। इसके साथ ही बड़े शहरों में कोहरा और एयर पॉल्यूशन मिलकर आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसलिए आपको यह जानना जरूरी है कि आप कोहरे और एयर पॉल्यूशन से कैसे निपटें।
Air Pollution ने ले लीं लाखों जानें
World Health Organization की रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में एयर पॉल्यूशन की वजह से पूरी दुनिया में 4.2 मिलियन लोगों की जानें चली गईं। हैरत की बात यह है कि इतनी जान जाने का जिम्मेदार केवल सिर्फ एयर पॉल्यूशन है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि एयर पॉल्यूशन आपकी सेहत के लिए कितना खतरनाक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समस्या से निपटने का एक ही समाधान है। वो यह कि लोग अब संयुक्त रूप से इसके खिलाफ प्रयास करें। इसमें इंड्रस्टी चलाने वाले, फैक्ट्री चलाने वाले और अन्य कारखाने के लोग। उन्हें देखना चाहिए कि वह एयर पॉल्यूशन को कम करने में क्या मदद कर सकते हैं।
दिमाग पर डालता है असर
साइंटिस्ट का कहना है कि एयर पॉल्यूशन धीरे-धीरे आपके दिमाग पर असर डालता है। इसका असर यह होता है कि आपका दिमाग कमजोर होने लगता है। इसके साथ ही आपको भूलने जैसी गंभीर बीमारियां तक होने लगती हैं। इसलिए एयर पॉल्यूशन दिमागी सेहत के लिए काफी खतरनाक है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि वायु प्रदूषण से आपके दिल पर भी काफी प्रभाव पड़ता है। इससे आपकी सेहत पर काफी फर्क पड़ता है।
कोहरे में मिलकर और खतरनाक हो रहा एयर पॉल्यूशन
शोधकर्ताओं का मानना है कि एयर पॉल्यूशन कोहरे में मिलकर और खतरनाक हो जाता है। सांस के जरिए ये सीधे इंसान के पेट और फेफड़ों में जा रहा है। जिससे फेफड़े कमजोर हो रहे हैं। इतना ही नहीं यह आपको दमे का मरीज भी बना रहा है। इसलिए कोहरे में मुंह ढककर ही निकलना चाहिए। शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि यह आंखों पर भी काफी असर छोड़ रहा है। कोहरे की चपेट में आने से आंखों में सूजन, जलन और मचलन होने लगती है। कोहरे के प्रकोप के कारण हर साल कई लोगों की जान चली जाती हैं। इसलिए कोहरे से खुद का बचाव और आंखों का बचाव भी बहुत जरूरी है।
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