विटामिन डी की कमी से हड्डिया होती हैं कमजोर
शरीर में विटामिन डी की कमी को नज़रअंदाज करना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। विटामिन डी कम होने पर एक साथ कई बीमारियां शरीर पर अटैक करती हैं। इसलिए समय रहते जान लें कहीं शरीर में विटामिन डी कम तो नहीं हो रहा है।
विटामिन डी हमारे शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए सबसे जरूरी है। ये एक ऐसा विटामिन है जो दूसरे पोषक तत्वों को शरीर तक पहुंचाने में मदद करता है। विटामिन डी की कमी होने पर इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है। ऐसी स्थिति में शरीर पर बीमारियों का अटैक तेजी से होने लगता है। विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। मांसपेशियां मुलायम होने लगती हैं, जोड़ों में दर्द, चिड़चिड़ापन, आलस और कमजोरी महसूस होती है। खासतौर से सर्दियों में शरीर में विटामिन डी काफी लो हो जाता है। कई बाल लोग विटामिन डी की कमी को समझ नहीं पाते, जो गंभीर स्थिति में पहुंचा देती है।
विटामिन डी की कमी से शरीर में उभरने वाले लक्षण
• शरीर में विटामिन D की कमी होने के बाद सबसे ज्यादा मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी और हड्डियों में दर्द महसूस होने लगता है। हर वक्त थकान और कमजोरी लगती रहती है।
• वयस्क लोगों में विटामिन डी की कमी होने पर हड्डियां खासतौर से रीढ़ और पैर की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इन्हें छूने पर दर्द होता है
• बुजुर्गों में विटामिन डी कम होने पर मामूली चोट से ही हड्डी में फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। रोगप्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर पड़ता है।
• शरीर में विटामिन डी कम होने पर इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे सर्दी, जुकाम या कोई भी दूसरी परेशानी शरीर को तेजी से घेरती है। ऐसे लोग इंफेक्शन के शिकार जल्दी होते हैं।
• बच्चों में विटामिन डी कम होने पर मांसपेशियों में ऐंठन जो रिकेट्स का पहला लक्षण है नजर आता है। विटामिन डी कम होने पर कैल्शियम की कमी होने लगती है जिससे पूरे शरीर में ऐंठन होने लगती है।
• विटामिन डी कम होने से शिशु को बैठने और घुटने के बल चलने में देरी हो सकती है। वहीं खोपड़ी की हड्डियों के बीच जगह को बंद होने में समय लगता है।
• बच्चों में विटामिन डी की कमी से हड्डियां असामान्य रूप से बढ़ने लगती है। कई बार रीढ़ की हड्डी टेढ़ी हो जाती है। बाउलेग या नॉक-नीज़ की समस्या होने पर चलने-फिरने में दिक्कत होती है।
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