इंटरमिटेंट फास्टिंग एक पॉपुलर डाइट ऑप्शन बना हुआ है.वजन घटाने से लेकर बेहतर मेटाबॉलिज्म एक्टिविटी तक, इंटरमिटेंट फास्टिंग हमें कई तरह से फायदा पहुंचाता है. इंटरमिटेंट फास्टिंग में एक समयावधि में ही खाना खाया जाता है और समय का ध्यान रखते हुए कुछ घंटों के लिए व्यक्ति कुछ नहीं खाता है. ज्यादातर खाना ना खाने की विंडो यानी फास्टिंग का समय 8, 12 या फिर 16 घंटों का होता है. जैसे अगर किसी ने शाम 8 बजे खाना खाया है तो वह अगली सुबह 8 बजे के बाद ही कुछ खाएगा. इस तरह इंटरमिटेंट फास्टिंग की जाती है. लेकिन, इंटरमिटेंट फास्टिंग जितनी आसान लगती है उतनी होती नहीं .ये जानना भी जरूरी है कि हर किसी को फास्टिंग नहीं करनी चाहिए. कुछ लोगों को इंटरमिटेंट फास्टिंग फॉलो करते समय सावधानी बरतने की जरूरत होती है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे
इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने का एक शानदार तरीका है. खाने के लिए उपलब्ध समय को कम करने से बॉडी एनर्जी के लिए अपने स्टोर किए गए फैट का उपयोग कर सकता है, जिससे शरीर एक्स्ट्रा किलो वजन कम कर सकता है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग से हार्ट हेल्थ मार्करों में सुधार हो सकता है, जैसे कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड प्रेशर को कम करना.
इंटरमिटेंट फास्टिंग सीखने, मेमोरी और कॉग्नेटिव फंक्शन से जुड़े प्रोटीन को बढ़ावा देकर मेंटल हेल्थ पर पॉजिटिव इफेक्ट डाल सकता है.
किसे करनी चाहिए इंटरमिटेंट फास्टिंग?
1.अगर आप लगातार एसिडिटी से जूझते हैं
अगर आपकी आंत सेंसिटिव है और लगातार एसिडिटी से जूझ रहे हैं, तो लंबे समय तक फास्टिंग करना आइडियल नहीं हो सकता है. संतुलन बनाना जरूरी है जो आपके लिए काम करता है.
2. शरीर में कोर्टिसोल इनबैलेंस होने पर
हाई या लो कोर्टिसोल लेवल वाले व्यक्तियों को डाइट को प्राथमिकता देनी चाहिए, खासकर जागने के एक घंटे के भीतर. लंबे समय तक फास्टिंग पीरियड एक सुरक्षात्मक तंत्र के रूप में कोर्टिसोल रिलीज को ट्रिगर कर सकते हैं, जिससे मसल्स लॉस, स्ट्रेस सहनशीलता में कमी और नींद में खराबी हो सकती है.
3. अगर आपको थायराइड की समस्या है
थायराइड की समस्या वाले कुछ व्यक्तियों को इंटरमिटेंट फास्टिंग से लाभ हो सकता है. कुछ को नहीं. ये सभी के लिए अलग काम करता है.
किसे नहीं करनी चाहिए इंटरमिटेंट फास्टिंग
1.गर्भवति महिलाएं
प्रेग्नेंट महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग करने की सलाह नहीं दी जाती है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान महिला को हर थोड़ी देर में कुछ ना कुछ खाने की जरूरत होती है, जिससे गर्भस्थ शिशु को पर्याप्त पोषण मिल सके। ऐसे में, अगर गर्भवती महिला इंटरमिटेंट फास्टिंग करती है तो इससे उसकी और शिशु की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है
2.डायबिटीज के मरीज
डायबिटीज के मरीजों को इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से बचना चाहिए। दरअसल, डायबिटीज के मरीजों को नियमित अंतराल पर भोजन करना होता है ताकि उनका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहे। लंबे समय तक भूखे रहने से हाइपोग्लाइसीमिया का जोखिम बढ़ सकता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
3.टीनएज बच्चे
हेल्थ एक्सपर्ट्स बच्चों और किशोरों को इंटरमिटेंट फास्टिंग की सलाह नहीं देते हैं। खासतौर पर, बढ़ती उम्र के बच्चों के शरीर में विकास के लिए पर्याप्त पोषण मिलना बहुत जरूरी है। इंटरमिटेंट फास्टिंग से बॉडी को सभी आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, जिसकी वजह से बच्चों का विकास और स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
Written by- Khushi Vyas
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