दुनियाभर में कैंसर के मामले हर साल बढ़ते जा रहे हैं. वैश्विक स्तर पर यह बीमारी चिंता का कारण बनी हुई है. सबसे बड़ी समस्या आज भी यी है कि इसके केस आखिरी स्टेज में सामने आते हैं. ऐसे में मरीज की जान बचाना डॉक्टरों के लिए चुनौती बन जाती है. कई मामलों में मरीज की मौत भी हो जाती है. कैंसर की पहचान देरी से होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों को इसके लक्षणों की जानकारी नहीं होती है. कई मामलों में पहचान के बाद भी इलाज में देरी हो जाती है. पैसों की कमी या अच्छी मेडिकल सुविधा न होने के कारण ऐसा होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, भारत में हर साल कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. पुरुषों में लंग्स और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के केस ज्यादा आ रहे हैं.
एक दशक पहले तक ब्रेस्ट कैंसर के अधिकतर मामले 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में आते थे, लेकिन अब ये कम उम्र की महिलाओं को भी अपना शिकार बना रहा है. हाल में एक्ट्रेस हिना खान भी इसका शिकार हुई हैं. उनको तीसरी स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर है. ब्रेस्ट कैंसर के भी अधिकतर मामले आखिरी स्टेज में ही सामने आते हैं. कम उम्र की महिलाओं में भी इस कैंसर की देरी से पहचान हो रही है. लेकिन इसका कारण क्या है?
भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अब कम उम्र में ही महिलाएं इसका शिकार हो रही हैं. अधिकतर मामलों में इस कैंसर की पहचान काफी देरी से होती है. महिलाओं को इस कैंसर के बारे में सही जानकारी नहीं होती है.
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