मानसून आते ही मौसमी बीमारियां बढ़ रही है... मानसून आता तो बारिश के साथ है लेकिन साथ में कई बीमारियां भी लेकर आता है बारिश में ज्यादा नमी की वजह से बैक्टीरिया और कई कीटाणु हवा में फैल जाते हैं इससे वायरल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है बारिश में भीगने या गंदे पानी के संपर्क में आने से आंखों और गले में इन्फेक्शन होना सबसे आम बात है। आंखों में इन्फेक्शन जैसे जलन, सूखापन होना, आंखों का लाल हो जाना, उसमें सूजन आ जाना और कई बार आंखों से पानी आना। वहीं अगर इन्फेक्शन बढ़ जाए तो ये आई फ्लू का रूप भी ले सकता है कंजंक्टिवाइटिस को ‘आंख आना’ भी कहते हैं आई फ्लू या आंखों से जुड़ा इन्फेक्शन संक्रमण फैलने से होता है। ये एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल सकता है।
मानसून में फैलता है बैक्टीरिया
मानसून में नमी की वजह से तेजी से बैक्टीरिया फैलता है मानसून के दौरान कई वायरस, बैक्टीरिया और अन्य संक्रमणों के संपर्क में आने का जोखिम किसी भी अन्य मौसम की तुलना में दो गुना ज्यादा होता है हवा में मौजूद नमी की मात्रा ज्यादा बैक्टीरिया फैलाती है। साथ ही नमी के कारण उनकी प्रजनन दर भी बढ़ जाती है।
बारिश में कंजंक्टिवाइटिस भी हो रहा
आंखें बहुत ही नाजुक और संवेदनशील होती हैं। इनके साथ थोड़ी सी भी परेशानी हो तो तुरंत लक्षण दिखाई देने लगते हैं कंजंक्टिवाइटिस इस मौसम में होने वाली आम बीमारी है यह एक्यूट या क्रॉनिक दोनों ही रूपों में हो सकती है यह दो सप्ताह में अपने आप ही ठीक भी हो जाती है लेकिन अगर आपको कंजंक्टिवाइटिस के कारण गंभीर लक्षण दे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाए।
क्या हैं कंजंक्टिवाइटिस
हमारी आंखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली, कंजंक्टिवा होती है ये हमारी पलकों के अंदरूनी और आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करती है इसमें सूजन आने या संक्रमित होने को ही कंजंक्टिवाइटिस कहते हैं।
बारिश के मौसम में बढ़ते थ्रोट इन्फेक्शन के केस
मौसम बदलते ही हमारे शरीर पर भी इसका असर पड़ता है। गले का संक्रमण आमतौर पर वायरस के कारण होता है अक्सर यह उन वायरसों में से एक है जो सामान्य सर्दी का कारण बनता है, जैसे कि राइनोवायरस, एडेनोवायरस, इन्फ्लूएंजा वायरस या रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस थ्रोट इन्फेक्शन के लक्षणों में निगलने और सूजन के साथ गंभीर दर्द, लाल टॉन्सिल, गले में जलन और कफ शामिल है।
मानसून सीजन में बीमारियों के कैसे बचें
बारिश के मौसम में धूप की कमी और उमस के कारण कई मानसूनी बीमारियां हवा, पानी या मच्छर के काटने से फैलती हैं... इसलिए हमें एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है... बचाव हमेशा इलाज से बेहतर होता है खाने से पहले हमेशा फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर ही इस्तेमाल करें भोजन को हमेशा ढंककर रखें, बाहर का खाना खाने से बचें सुनिश्चित करें मच्छरों से बचाव के लिए फुल आस्तीन के कपड़े पहने अगर बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है तो डॉक्टर से कंसल्ट करके उन्हें टीका जरूर लगवाएं।
Written by - ROHIT SHARMA
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