1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य एड्स (AIDS) और एचआईवी (HIV) से संबंधित जागरूकता बढ़ाना है।
1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य एड्स (AIDS) और एचआईवी (HIV) से संबंधित जागरूकता बढ़ाना है। एड्स, एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है, जो मानव शरीर की इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देती है और इसे ठीक करने के लिए अभी तक कोई स्थायी इलाज नहीं है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को इस बीमारी के लक्षणों, बचाव के उपायों और सही उपचार के बारे में जानकारी देना है।
एड्स क्या है?
एड्स HIV वायरस के कारण होता है। HIV वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है, जिससे शरीर संक्रमणों और बीमारियों से लड़ा नहीं पाता। यह वायरस असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित खून, या मां से बच्चे में संक्रमण के कारण फैल सकता है।एड्स के शुरुआती लक्षण
एचआईवी संक्रमण के शुरुआती लक्षण आमतौर पर वायरस के शरीर में प्रवेश करने के 2-4 हफ्ते बाद दिखाई देते हैं। इन लक्षणों में शामिल हैं:बुखार और सिरदर्द
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
गले में खराश और मुंह में घाव
वजन का कम होना
शरीर पर फ्लू जैसी समस्याएं
यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो खून में वायरस की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे बीमारी और गंभीर हो जाती है।
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