थायरॉइड की वजह से शरीर के कई अंग प्रभावित होते हैं जिससे उनकी कार्यक्षमता में भी कमजोरी आने लगती है। यह हार्मोन शरीर के कई कार्यों को प्रभावित करता है इसलिए इसके स्तर को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है।
थायरॉइड की वजह से शरीर के कई अंग प्रभावित होते हैं जिससे उनकी कार्यक्षमता में भी कमजोरी आने लगती है। यह हार्मोन शरीर के कई कार्यों को प्रभावित करता है इसलिए इसके स्तर को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है। थायरॉइड ग्लैंड से रिलीज होने वाला हार्मोन ब्लड के रास्ते शरीर के अंगों तक पहुंचता है और उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है।
थायरॉइड का बढ़ना और कम होना
थायरॉइड ग्लैंड जब ज्यादा हार्मोन बनाता है तो शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे दिल की धड़कन तेज हो सकती है और वजन घट सकता है। वहीं अगर थायरॉइड ग्लैंड कम हार्मोन बनाता है तो इससे थकान, वजन बढ़ना और पाचन समस्याएं हो सकती हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
जनवरी में थायरॉइड जागरूकता महीने के रूप में मनाया जाता है। फोर्टिस मोहाली के एंडोक्राइनोलॉजी के निदेशक बताते हैं कि थायरॉइड ग्रंथि गले के नीचे स्थित होती है और श्वासनली तक फैल सकती है। इस ग्रंथि से दो मुख्य हार्मोन थायरोक्सिन और ट्राईआयोडोथायोनिन रिलीज होते हैं जिनकी वजह से थायरॉइड के विभिन्न प्रकार जैसे हाइपरथायरायडिज्म, हाइपोथायरायडिज्म, गोइटर और थायरॉइड कैंसर की पहचान की जाती है।
थायरॉइड के प्रभाव
थायरॉइड की गड़बड़ी का असर शरीर के कई अंगों पर पड़ सकता है और खासकर महिलाओं में ये समस्या ज्यादा देखी जाती है। डॉ. सिंह के मुताबिक बिना इलाज के थायरॉइड की समस्या गंभीर हो सकती है और यह अंगों पर असर डाल सकती है:
➤ हार्ट और संबंधित समस्याएं
➤ किडनी की सेहत पर असर
➤ नर्वस सिस्टम की बीमारियां
➤ हड्डियों में नुकसान
➤ त्वचा और आंखों पर असर
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