दुनियाभर में इस समय एक रहस्यमयी बीमारी ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। पिछले कई समय से WHO सभी को एक नई बीमारी के लिए तैयार रहने की सलाह दे रहा था।
कहां से हुई डिजीज एक्स की शुरुआत
इस बीमारी का नाम "डिजीज एक्स" यह बताता है कि इस बीमारी के लिए बारे में अभी ज्यादा कोई जानकारी नहीं है। यह उभरते संक्रमणों के लिए जगारूकता और तैयारियों की आवश्यकता पर जोर देता है। बात करें इससे प्रभावित क्षेत्र की, तो अभी तक इसे लेकर कोई सटीक जानकारी सामने नहीं आई है। शोधकर्ताओं के मुताबिक वन्यजीव संपर्क या घनी आबादी वाले क्षेत्रों, जैसे अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों में इसका प्रकोप देखा गया है। ऐसे में डर इस बात का है कि अगर यह बीमारी तेजी से महाद्वीपों में फैलती है, इससे पूरी दुनिया पर खतरा मंडरा रहा है।डिजीज एक्स के लक्षण
चूंकि डिजीज एक्स एक अज्ञात बीमारी है, इसलिए इसके सटीक लक्षणों के बारे में कोई जानकारी नहीं हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह SARS, COVID-19 या इबोला जैसे पिछले संक्रमणों के समान हो सकता है। ऐसे में निम्न लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है-बुखार और ठंड लगना
गंभीर श्वसन संकट
मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं, जैसे दस्त या उल्टी
बिना वजह ब्लीडिंग या चकत्ते
थकान और कमजोरी
सिरदर्द या नर्व संबंधी गड़बड़ी
कैसे करें बचाव
किसी भी तरह से वायरस या बैक्टीरिया से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसे में इन टिप्स की मदद से आप अपनी देखभाल कर सकते हैं-
नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं। अपने चेहरे, खासकर आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें।
हवा के जरिए फैलने वाले पैथोजन से बचने के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का इस्तेमाल करें।
बीमारियों और संक्रमणों से बचने के लिए विटामिन और मिनरल्स से भरपूर डाइट फॉलो करें। फिजिकली एक्टिव रहें और रोजाना अपनी नींद पूरी करें।
बीमारी के लक्षण दिखाने वाले वन्यजीवों या घरेलू जानवरों के साथ पास जाने से बचें।
अगर आप मीट और चिकन आदि खाते हैं, तो ध्यान रखें कि वह अच्छी तरह से पके हुए हैं।
जूनोटिक डिजीज से बचाव के लिए मौजूद वैक्सीन जरूर लगवाएं।
हाई रिस्क वाली जगहों पर जाने से बचें, जब तक बहुत ज्यादा जरूरी न हो।
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