छोटें से करौंदे के अनेकों आयुर्वेदिक फायदे हैं। करौंदे का स्वाद खट्टा होता है और इसे अक्सर अचार, चटनी में इस्तेमाल किया जाता है। इसे औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है, जैसे कि पाचन स्वास्थ्य में सुधार और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करना। आमतौर पर जून से अगस्त तक के मानसून मौसम के दौरान करौंदे का फल मिलता है। जुलाई और अगस्त का मौसम करौंदे के फल पकने के लिए उपयुक्त होता है। फल शुरुआती गर्मियों में छोटे हरे रंग के होते हैं और जैसे-जैसे वे पकते हैं, उनका रंग गुलाबी या लाल हो जाता है।
पौधे को लगाने का सही तरीका
करौंदे के पौधे को लगाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है स्थान का चयन। करौंदे को सूरज की पूरी रोशनी में उगाना चाहिए। इसलिए, इसे ऐसे स्थान पर लगाना चाहिए जहां पर पर्याप्त धूप मिले। मिट्टी को अच्छे से जुताई करके उसमें सड़ी हुई खाद मिलाएं। वहीं करौंदा का पौधा या बीज तैयार करने के लिए, यदि बीज का उपयोग कर रहे हैं, तो पहले बीजों को 24 घंटे पानी में भिगोकर रखें। इससे बीजों की अंकुरण क्षमता बढ़ जाती है।
करौंदा खाने के फायदे
पाचन स्वास्थ्य
करौंदा में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और कब्ज को दूर करता है। इसके अलावा इसमें विटामिन C से भरपूर होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और शरीर को संक्रमणों से बचाता है।
एंटीऑक्सीडेंट्स
करौंदा में इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को मुक्त कणों से नुकसान से बचाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। करौंदा आयरन का अच्छा स्रोत है, जो खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में मदद करता है।
हृदय स्वास्थ्य
करौंदा में मौजूद पोषक तत्व हृदय को स्वस्थ रखते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित हो सकता है, जो मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
त्वचा स्वास्थ्य
करौंदा में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को चमकदार बनाते हैं और त्वचा की समस्याओं जैसे कि पिगमेंटेशन और झुर्रियों को कम करते हैं।
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