दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में उत्तर भारत में ठंड का कहर जारी है। शीतलहर की शुरुआत के साथ ही लोग ठंड से कंपकंपाने लगे हैं। बदलते मौसम में अक्सर हमारी लाइफस्टाइल और खानपान पूरी तरह से बदल जाता है।
क्या ठंडे पानी से नहाने से इम्युनिटी बढ़ती है?
सर्दियों में ठंडे पानी से नहाने के बारे में सोचकर ही लोग कांप उठते हैं, लेकिन इसके कई फायदे हैं। कोल्ड शावर ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा दे सकता है। मेंटल अलर्टनेस बढ़ाता है और इंफ्लमेशन कम करने में भी मदद करता है। साल 2016 के एक अध्ययन के अनुसार, ठंडे पानी से नहाने से इम्युनिटी बढ़ती है। हालांकि, ये लाभ आमतौर पर कुछ समय के लिए भी नजर आता है। आइए जानते हैं सर्दियों में ठंडे पानी से नहाने से सेहत पर क्या असर होता है।कितना सुरक्षित ठंडे पानी से नहाना?
ठंडे पानी से नहाने के यूं तो कई फायदे हैं, लेकिम जब बात सर्दियों की आती है, तो पूरे सर्दियों में लंबे समय तक ठंडे पानी से नहाना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि वह कोल्ड स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं, खासकर दिल या रेस्पिरेटरी संबंधी विकारों से पीड़ित लोगों में।
इसके अलावा ऐसे लोग जिनकी स्किन सेंसिटिव होती है, उनके लिए भी ठंडे पानी से नहाना हानिकारक हो सकता है। ऐसे लोगों में ठंडे पानी से नहाने से सोरायसिस, एक्जिमा, सूखापन और खुजली जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
लंबे समय तक ठंडे पानी से नहाने की वजह से हार्ट फंक्शनिंग पर दबाव पड़ सकता है, खासकर हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में, क्योंकि शरीर 98.6°F (37°C) का मुख्य तापमान बनाए रखने का प्रयास करता है।
सेंसिटिव लोगों के लिए, जैसे कि अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए, ठंडे पानी से नहाने से रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं या हाइपोथर्मिया हो सकता है।
मांसपेशियों को आराम देने और ठंड से बचने के लिए, सर्दियों में पानी का तापमान हल्का (37-40°C या 98-104°F) होना चाहिए। स्नान के बाद, ठंडे पानी का एक संक्षिप्त (10-15 सेकंड) झोंका शरीर को बहुत ठंडा किए बिना परिसंचरण को बढ़ाने में मदद करता है।
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