विश्व में हाई ब्लड शुगर के सबसे ज्यादा मरीज होने के से डायबिटीज की राजधानी बन चुका है, यह ऐसी बीमारी है, जो ठीक नहीं हो सकती, लेकिन दवाओं और योग-व्यायाम आदि से कंट्रोल की जा सकती है
डायबिटीज के मरीजों के लिए क्या है डॉक्टर की राय
भारत के लगभग हर घर में कोई न कोई व्यक्ति डायबिटीज ग्रस्त है. ऐसे में कई बार आपने भी देखा होगा कि चूंकि ये बीमारी ठीक तो हो नहीं सकती लेकिन इसको कंट्रोल करना बेहद जरूरी है, ऐसे में डायबिटीज के मरीज खाली पेट यानि खाने से पहले एक गोली खाते हैं और फिर उसके कुछ देर बाद खाना या नाश्ता लेते हैं. ऐसा इसलिए ताकि खाना खाने के तुरंत बाद उनका ब्लड शुगर लेवल न बढ़ जाए. हालांकि कई बार कहीं आने-जाने या घर में ही किसी काम में फंसे रहने पर अक्सर लोग खाने से पहले शुगर की गोली लेना भूल जाते हैं, और कुछ खा लेते हैं, अब चूंकि दवा खाली पेट की है, ऐसे में मरीज यह सोचकर खाने के बाद उस गोली को नहीं खाते कि कहीं दवा नुकसान न कर जाए या शुगर लेवल और न बढ़ जाए. अगर आपको या आपके किसी संबंधी को भी ऐसा ही लगता है तो जाने माने एंडोक्रानोलॉजिस्ट से मिली जानकारी के बाद आप ऐसा नहीं सोचेंगे.डॉ. के अनुसार दवा ले या नहीं?
एंडोक्राइन सोसायटी ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. संजय के अनुसार, डायबिटीज की अनेक दवाइयां हैं, कुछ दवाएं खाने से आधा घंटा पहले या करीब 60 मिनट पहले लेनी होती हैं, वहीं अधिकांश दवाएं इस समय ऐसी हैं जो खाने से 5-10 मिनट पहले या खाने के बाद भी ली जा सकती हैं लेकिन अगर कोई मरीज अपनी डायबिटीज की दवा खाने से पहले लेना भूल जाए तो वह खाने के बाद भी ले सकता है, इसका कोई नुकसान नहीं है, लेकिन इतना असर जरूर है कि वह दवा थोड़ा कम असर करेगी, दवाई को छोड़ना या न खाना सही नहीं हैदवाएं नहीं करती नुकसान
डॉक्टर कहते हैं कि अगर आप सुबह की दवा लेना भूल गए हैं तो आप अपने डॉक्टर से भी पूछ सकते हैं, कि क्या वह दवा दोपहर में ली जा सकती है, आमतौर पर डायबिटीज की सारी दवाइयां सुबह के बजाय दोपहर को भी ली जा सकती हैंWritten by- Shivank Bhatt
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