आजकल लोग अपनी जीवनशैली में इतने व्यस्त हो जाते है कि खान-पान के साथ ही वो अपनी दैनिक दिनचर्या पर भी ध्यान नहीं दे पाते इसका सबसे ज्यादा असर हमारे सोने और जागने के समय पर पड़ रहा है। अधिकतर लोग देर रात तक जागते है। और धीरे-धीरे ये उनकी आदत बन जाती है। लेकिन ये आदत किसी गंभीर बीमारी को न्योता देने जैसा है।क्योकि रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूरी होती है। लेकिन देर रात जागने की वजह से अधिकतर लोगों की नींद पूरी नहीं हो पाती और ये एक बड़ी मुसीबत भी ला सकती है ।एक शोध में सामने आया है कि रात को एक बजे के बाद सोने वाले लोगों को ख़राब मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति झेलनी पड़ सकती है।
आजकल लोग अपनी जीवनशैली में इतने व्यस्त हो जाते है कि खान-पान के साथ ही वो अपनी दैनिक दिनचर्या पर भी ध्यान नहीं दे पाते इसका सबसे ज्यादा असर हमारे सोने और जागने के समय पर पड़ रहा है। अधिकतर लोग देर रात तक जागते है। और धीरे-धीरे ये उनकी आदत बन जाती है। लेकिन ये आदत किसी गंभीर बीमारी को न्योता देने जैसा है।क्योकि रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूरी होती है। लेकिन देर रात जागने की वजह से अधिकतर लोगों की नींद पूरी नहीं हो पाती और ये एक बड़ी मुसीबत भी ला सकती है ।एक शोध में सामने आया है कि रात को एक बजे के बाद सोने वाले लोगों को ख़राब मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति झेलनी पड़ सकती है।
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