प्रेगनेंसी के दौरान हुई किसी भी कॉम्प्लिकेशन का असर मां और बच्चे दोनों पर पड़ता है. अधिकतर मामलों में कॉम्प्लिकेशन का प्रेगनेंसी के आखिरी हफ्तों में पता चलता है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसे टेस्ट की खोज की है. जिससे शुरुआत में ही महिला की किसी स्वास्थ्य समस्या का पता चल जाएगा.
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. प्रेगनेंसी के दौरान कुछ महिलाओं को अलग- अलग तरीके की कॉम्प्लिकेशन भी हो जाती हैं. जिनकी शुरुआत में पता नहीं चल पाता है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने इस समस्या का समाधान खोज लिया है. ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक नया ब्लड टेस्ट विकसित किया है. इसकी मदद से प्रेगनेंसी में होने वाली कॉम्प्लिकेशन का शुरुआती महीनों में ही पता चल जाएगा. ऐसे में समय रहते महिला का इलाज हो सकेगा और मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहेंगे. यह ब्लड टेस्ट गर्भवती महिला के ब्लड में विशेष बायोमार्कर्स की पहचान करता है. इस टेस्ट की मदद से 11 सप्ताह की गर्भावस्था में ही महिला में डायबिटीज, थाइराइड. आईयूजीआर और प्रीटर्म बर्थ के खतरे को बता सकता है. इससे समय रहते इन बीमारियों को काबू में किया जा सकता है.
200 महिलाओं पर हुई रिसर्च
वैज्ञानिकों ने 200 गर्भवती महिलाओं के ब्लड टेस्ट करके उनमें कॉम्प्लिकेशन का पहले ही पता लगाया है. रिसर्च करने वाले प्रमुख वैज्ञानिक ने कहा कि अभी प्रेगनेंसी में कॉम्प्लिकेशन का पता आखिरी के महीनों में चलता था, जिससे समय पर इलाज कर पाना मुश्किल हो जाता है. लेकिन इस नई तकनीक की मदद से गर्भवती महिलाओं को कई समस्याओं का पहले ही पता लग जाएगा. इससे वह समय से पहले ही डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं.
एनआईसीयू में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या में आएगी कमी
अगर किसी गर्भवती महिला में समय से पहले ही कॉम्प्लिकेशन का पता लग जाएगा तो इससे बच्चे को भी खतरा कम होगा. समय से इलाज मिलने से जन्म के बाद बच्चे को एनआईसीयू में भर्ती करने की जरूरत कम पड़ेगी. इससे एनआईसीयू में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या में कमी आ सकती है और आपातकालीन सिजेरियन डिलिवरी की संख्या में भी कमी आने की संभावना है.
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