सुनील श्रीवास्तव
प्रधान संपादक, IND24
यूं तो हेलीकॉप्टर शॉट का नाम आते ही सबसे पहले जहन में क्रिकेट और महेंद्र सिंह धोनी तस्वीर सामने आती है। हेलीकॉप्टर शार्ट अकेले क्रिकेट में ही नहीं, बल्कि अब इसकी इंट्री मध्यप्रदेश की सियासत में भी हो गई है। जी हां, 17 जुलाई को मध्यप्रदेश में पहले चरण के निकाय चुनाव की मतगणना होनी है और उससे पहले कमलनाथ ने सियासत में हेलीकॉप्टर शार्ट मारकर सभी को चौंका दिया है। मतगणना के दौरान कहीं भी गड़बड़ी की शिकायत मिलते ही कांग्रेस की लीगल टीम हेलीकॉप्टर से उड़ान भर संबंधित स्थान पर पहुंचकर कांग्रेसियों को कानूनी मदद करेगी। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने बताया कि 17 जुलाई को सुबह से ही कांग्रेस की लीगल टीम और उड़नखटोला भोपाल में अलर्ट मोड पर तैनात रहेंगे और जरूरत पड़ने पर उड़ान भरकर चंद मिनिटों में कानूनी मदद पहुंचाएंगे।
कमलनाथ के इस सियासी हेलीकॉप्टर शार्ट से जहां कांग्रेस में उत्साह है, तो वहीं इसके पीछे कई सवाल भी है। अगर किसी शहर में कांग्रेसियों को मदद की आवश्यकता हुई तो क्या उड़ान के लिए चंद मिनिटों में संबंधित विभाग से अनुमति मिल जाएगी। भाजपा कमलनाथ के इस हेलीकॉप्टर शार्ट पर सवाल उठा रही है। भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने ट्वीट कर लिखा कि 'हेलीकॉप्टर तो उड़ा लोगे, पर गीली मिट्टी पर पांव कैसे रखोगे कमलनाथ जी'।
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नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण की मतगणना को लेकर कांग्रेस जरा भी कोताही नहीं बरतना चाहती है। यही वजह है कि हेलीकॉप्टर के अलावा कमलनाथ ने पहली बार नगरीय निकाय की मतगणना में पार्टी के दिग्गज नेताओं की भी ड्यूटी लगा दी है। जिससे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में बूस्टर डोज मिल गया है। 2023 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहे निकाय चुनाव सत्ता का सेमीफाइनल माने जा रहे है। ऐसे में कांग्रेस किसी भी मोर्चे पर अपने कार्यकर्ताओं के मनोबल कमज़ोर नहीं होने देना चाहती है। ऐसे में कमलनाथ के ये दोनों कदम कांग्रेस के लिए मील के पत्थर साबित हो सकते हैं।
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