मध्यप्रदेश में सत्ता की चाबी पांच इलाकों में बंटी है। मध्यप्रदेश को भौगोलिक रुप से महाकौशल, ग्वालियर-चंबल, मध्यभारत, निमाड़-मालवा, विंध्य और बुंदेलखंड इलाकों में बांटा गया है। मध्यप्रदेश का विंध्य क्षेत्र हमेशा से ही सियासत का केन्द्र बिन्दु रहा है। इस अंचल ने प्रदेश के साथ ही देश को प्रमुख नेता दिए हैं। ये अंचल सियासत में अलग ही तासीर रखता है (PM Modi IN MP)।
पीएम मोदी का मिशन एमपी (PM Modi IN MP)
इसी साल मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होना है। 2023 के विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। क्योंकि इस चुनाव में एक साथ कई फेक्टर काम रहे हैं। जयस से साथ ही आम आदमी पार्टी ने 2023 के लिए अपनी सक्रियता बढा दी है। इसके अलावा बीजेपी को एंटी इनकंबेसी का खतरा सता रहा है। यही कारण है कि बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व ने मध्यप्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, ज्योतिरादित्य सिंधिया,नरेन्द्र सिंह तोमर सहित बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा लगातार एमपी का दौरा कर रहे हैं।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नजर एमपी पर है, यही कारण है लंबे समय से वो एमपी को प्राथमिकता पर रखते हुए कई कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं।

पंचायत सम्मेलन के बहाने विंध्य को साधने की तैयारी
पीएम नरेन्द्र मोदी आगामी 24 अप्रैल को मध्यप्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं। पीएम मोदी पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन में शामिल होंगे। इसके अलावा पीएम कई बड़ी परियोजनाओं का भूमिपूजन एवं लोकार्पण करेंगे। रीवा के एसएएफ ग्राउंड पर ये कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
2018 चुनाव में कांग्रेस का हुआ सूपड़ा साफ
विंध्य में 30 विधानसभा की सीटें हैं। 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र 6 सीट मिलीं थीं। कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी जीत हासिल नहीं कर पाए थे।
2018 में बीजेपी ने विंध्य में रचा इतिहास
2018 विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने इस अंचल में इतिहास रचा था। बीजेपी ने 2018 में 30 में से 24 सीटें जीती थीं। हालांकि सतना जिले के रैगांव विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रहे जुगल किशोर बागरी के निधन से रिक्त हुई सीट के बाद हुए उप चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी से ये सीट छीन ली। वहीं कांग्रेस की टिकिट पर 2018 में चुनाव लड़े और जीते बिसाहूलाल सिंह बीजेपी में शामिल हो गये। बाद में हुए उप चुनाव में उन्होने जीत हासिल की और शिवराज कैबिनेट में मंत्री बने। इस अंचल में अभी का अंक गणित 24 सीट बीजेपी और 6 सीट कांग्रेस का है।
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गिरता ग्राफ बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती
2018 के बाद विंध्य में बीजेपी के ग्राफ में लगातार गिरावट से पार्टी की चिंता बढती जा रही है। पहले रैगांव सीट पर हुए उप चुनाव में हार। उसके बाद हुए निकाय चुनाव में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। विंध्य की 3 नगर निगमों में बीजेपी 2 नगर निगम हारी। माना जा रहा है 2018 में ऐतिहासिक जीत मिलने के बाद सरकार में वो प्रतिनिधित्व नहीं मिला जिसकी उम्मीद इस अचंल का थी। कभी बसपा के गढ़ रहे विंध्य में आम आदमी पार्टी ने दस्तक देकर बीजेपी की चिंताऐं बढ़ा दी हैं।
पीएम मोदी साधेंगे विंध्य
अब माना जा रहा है बीजेपी इस अंचल को साधने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी का सहारा लेने जा रही है। यही कारण है कि इस अंचल में पंचायत सम्मेलन आयोजित कर माहौल तैयार करने की रणनीति पर भाजपा काम कर रही है। पहले यह सम्मेलन राजधानी भोपाल में होना था। बाद में खास रणनीति के तहत पार्टी ने ये आयोजन विंध्य के गढ़ रीवा में रखा है। देखना दिलचस्प होगा भाजपा अपने गढ़ को बचाने में किस तरह कामयाब रहती है और पीएम नरेन्द्र मोदी के इस आयोजन से उसे कितना फायदा मिलता है।
Written By: Rajesh Saxena
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