मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए काउंटडाउन शुरु हो चुका है। बीजेपी कांग्रेस चुनावी तैयारी में दिन रात एक कर रहे हैं। 2018 की ही तरह कांग्रेस (MP Congress) इस चुनाव में खास रणनीति पर काम कर रही है। कांग्रेस की वो रणनीति है 2018 की तरह मास्टर स्ट्रोक लगाने की। 2018 में किसानों की कर्जमाफी के मुददे पर सवार होकर कांग्रेस एमपी की सत्ता पर काबिज हुई थी। हालांकि 15 महिने में ही सरकार गिर गई। अब कांग्रेस 2023 में ओल्ड पेंशन स्कीम के सहारे एमपी की सत्ता पर काबिज होने की रणनीति पर काम कर रही है।
चुनाव से पहले कांग्रेस लायेगी वचन पत्र (MP Congress)
2018 में मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में पार्टी का वचन पत्र गेमचेंजर साबित हुआ था। इसी को देखते हुए इस बार भी विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने अपना फोकस वचन पत्र पर कर दिया है। पार्टी विधानसभा चुनाव से 6 महिने पहले जनता के सामने अपना वचन पत्र लाने की तैयारी में है। कांग्रेस जून में वचन पत्र जनता के सामने लाकर उसका प्रचार प्रसार करेगी जिससे उसका फायदा उसे चुनाव में मिल सके। 2018 में कांग्रेस ने इसी तरह किसानों की कर्जमाफी का ऐलान कर किया था।
कांग्रेस जिला व प्रदेश का अलग अलग वचन पत्र लायेगी
कांग्रेस प्रदेश और जिला स्तर पर अलग अलग वचन पत्र लाने की तैयारी में है। जिला स्तर के वचन पत्र में कांग्रेस स्थानीय मुद्दों को शामिल करेगी जिसमें समस्याओं और जनता की मांगों को शामिल कर उनको प्राथमिकता से पूरा करने का वचन जनता को देगी। जिला स्तर पर वचन पत्र लाने के पीछे कांग्रेस की रणनीति एकदम साफ है कि वो विधानसभा चुनाव को स्थानीय मुद्दों पर लड़ना चाह ही है न कि राष्ट्रीय मुद्दों पर।
कांग्रेस का गेम ओवर - बीजेपी
कांग्रेस (MP Congress) की इस कवायद पर बीजेपी तंज कस रही है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि काठ की हांडी एक बार चढ़ती है। कांग्रेस का वचन पत्र मध्यप्रदेश की जनता एक बार देख चुकी है। अब कांग्रेस कोई भी जतन कर ले प्रदेश की जनता विश्वास करने वाली नहीं है। कांग्रेस का गेम ओवर हो चुका है।
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ओल्ड पेंशन स्कीम सहित 5 का पंच मारेगी कांग्रेस
2018 विधानसभा चुनाव की तरह कांग्रेस ने 2023 में भी मास्टर स्ट्रोक चल दिया है। 2018 में जहां कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी का बड़ा मुद्दा लेकर चुनाव लड़ा और इस मुद्दे ने उसे सत्ता के सिंहासन तक पहुंचाया। कांग्रेस 2023 में कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम को बड़ा मुद्दा लेकर चल रही है। कांग्रेस इससे पहले इसका फायदा राजस्थान,छत्तीसगढ सहित हिमाचल प्रदेश के चुनाव में ले चुकी है। इसके अलावा कांग्रेस ने प्रदेश सरकार की लाड़ली बहना योजना में दिए जा रहे एक हजार रुपये की काट 1500 रुपए का ऐलान कर ढूंढ ली है। कांग्रेस ने सरकार बनने पर महिलाओं को 1500 रुपए देने का ऐलान किया है। इसके अलावा 500 रुपए में गैस सिलेंडर, 300 रुपए में 300 यूनिट बिजली के साथ ही किसानों की कर्ज माफी को अपने वचन पत्र में एक बार फिर शामिल किया है।
जनता का विश्वास जीतना बड़ी चुनौती
कांग्रेस ने 2023 चुनाव में पंच लगा दिया है, लेकिन उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती जनता का विश्वास जीतने की होगी। 2018 में उसने किसानों की कर्जमाफी के साथ ही बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था लेकिन वो पूरी तरह पूरा नहीं हुआ, खासकर बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा। बीजेपी इसी को लेकर मुद्दा बना रही है कि वादा तो किया लेकिन निभाया नहीं।
Written By: Rajesh Saxena
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