ना काहू से बैर/राघवेंद्र सिंह
भोपाल
अंततः आज़ादी के सत्तर साल बाद आठ चीतों का कुनबा भारत आ ही गया। कांग्रेस से शुरू हुई कोशिशों का श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी के खाते में जाता है। मौका था मोदी के 17 सितंबर को उनके जन्मदिन का। इस अवसर पर चीतों का परिवार मध्यप्रदेश के सबसे पिछड़े जिला श्योपुर का भाग्य बदलने वाला भी साबित हुआ। श्योपुर के कूनो पालपुर में रफ्तार के इन बादशाहों के कदम पड़ने के पहले ही आर्थिक तंगी और इलाके की बदहाली दूर होने के शगुन होना शुरू हो गए। इस पर लाख सियासत हो मगर इस बात से कोई इनकार नही कर सकता कि आने वाले दिन वाइल्ड लाइफ टूरिज्म के नजरिए से सुनहरे होने वाले हैं। लाख शंका -आशंकाओं और तकनीकी आलोचना के बावजूद कह सकते हैं कूनो नदी के किनारे बना ये नेशनल पार्क आर्थिक दृष्टि से दशा और दिशा बदलने वाला होगा। यहां के विकास को पर लग जाएंगे और यह चीते की रफ़्तार से दिन दूना रात चौगुना बढ़ेगा।
मिसाल के तौर पर एक- दो महीने पहले जिस कूनो पालपुर में जमीन की कीमत एक लाख रुपए एकड़ थी उसके दाम चीतों के आने की खबर से बढ़कर करीब साढ़े ग्यारह लाख रु एकड़ तक हो गए थे। चीतों के आने के कुछ दिन पहले यह आंकड़ा लगभग तीस लाख रु के पार चला गया। ये हुई न चीता रफ्तार। इसके बाद पर्यटकों की आवाजाही से यहां रोजगार के अवसर भी चीता स्पीड से बढ़ने का अनुमान है। असल में चीतों के आने के बाद कूनो नेशनल पार्क में पर्यावरण का भी शक्ति के साथ ध्यान रखा जाएगा और समोसे चंबल क्षेत्र और राजस्थान तक वन्य प्राणियों के प्रेमी पर्यटकों की भरमार हो जाएगी । पहले से ही टाइगर स्टेट लेपर्ड स्टेट और अब चीता स्टेट का तमगा पाने वाला मध्य प्रदेश देश तो क्या दुनिया का पहला ऐसा राज्यों का जहां जंगल के राजा शेर चालाकी में अब्बल तेंदुआ और स्पीड का बादशाह चीता का घर बन गया है । या संयोग मध्य प्रदेश को पूरी दुनिया में एक असाधारण राज्य का दर्जा भी देता है इससे दुनिया भर के पर्यटक यहां खिचे चले आएंगे।
इससे यहां के जंगल और पर्यावरण दोनों ही पहले से ज्यादा समृद्ध होंगे कह सकते हैं आने वाले दिन पर्यटन के लिहाज से आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने वाले सुनहरे दिन होंगे बस इसके लिए टाइगर लेपर्ड के बाद चीजों की रक्षा करना सरकार और समाज दोनों का संयुक्त जिम्मा होगा मध्य प्रदेश पहले भी इसे बखूबी अंजाम देता रहा है इसलिए किसी किस्म के शक शुबह की जरूरत नहीं है। अभी तो यहां रिजल्ट्स और होटल खोलने का एक नया दौर शुरू होगा । साथ ही गाइड के तौर पर पर्यटकों के रहने खाने पीने और घुमाने फिराने के लिए अदिवासियों से लेकर आम लोगों को कामकाज के अच्छे अवसर भी मिलेंगे। एक तरह से एमपी की टूरिज्म इंडस्ट्री को एक नई स्पीड मिलेगी जिसका फायदा राजस्थान को भी मिलेगा एक नया टूरिस्ट सर्किट बनने वाला है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ज्योतिरादित्य सिंधिया कि यह त्रिमूर्ति ग्वालियर चंबल क्षेत्र में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती है।
बदनाम बिलाबोंग स्कूल…
भोपाल के बिलाबोंग स्कूल में साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ दुराचार की घटना ने स्कूल और पुलिस प्रशासन की प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी है। मध्य प्रदेश बाल आयोग इस घटना पर सक्रिय और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश कर रहा है लेकिन दूसरी तरफ पुलिस कमिश्नर प्रणाली के बावजूद दोषियों और स्कूल प्रबंधन पर कानूनी कार्रवाई की खानापूर्ति भर की जा रही है । घटना में पुलिस की धीमी और ठंडी कार्यवाही को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद एक्शन में आए उन्होंने पुलिस कमिश्नर और बड़े अधिकारियों की सुबह 7:00 बजे मीटिंग बुलाई और दोषियों पर कठोर कदम उठाने के निर्देश दिए इसके बावजूद हैरत की बात यह है कार्यवाही करने के बजाए अभी भी पुलिस रस्म अदायगी करती दिख रही है।
स्कूल प्रबंधन पर सांप्रदायिकता केपी गंभीर आरोप अभिभावक लगा रहे हैं सबसे चौंकाने वाली बात यह है प्रबंधन से जुड़ी एक महिला घटना के उजागर होते ही गायब कर दी गई हैं उसे महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा है सीसी टीवी कैमरे के फुटेज भी गायब हैं रिकॉर्डिंग के डाटा भी नहीं मिल रहे हैं और इसके लिए जिम्मेदारों की गिरफ्तारी करने के बजाए स्कूल के परिवहन से जुड़े लोगों को ही सामने लाया जा रहा है अभी तक इस घटना में आरोपी बस ड्राइवर और उसका सहयोग करने वाली एक महिला को गिरफ्तार किया गया है बच्चों के अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन के शीर्ष कर्ताधर्ताओं को बचाया जा रहा है। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि प्रशासनिक और रसूखदार लोगों के बच्चे भी इस स्कूल में पढ़ते हैं लिहाजा जांच में गठित एसआईटी भी उन मुद्दों की अनदेखी कर रही है जो इस पूरे मामले में कई रहस्य उजागर कर सकते हैं बाल आयोग का कहना है की एक से अधिक बच्चे शारीरिक शोषण का शिकार हो रहे हैं दूसरी तरफ स्कूल प्रबंधन पर एक अभिभावक का रूप है यहां धर्मांतरण का काम बड़े सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है जिसमें स्कूल में कार्यरत उनकी पत्नी और उनके बच्चे कापरेन भास्कर धर्म परिवर्तन या तो कर दिया गया है या उनका धर्मांतरण करा दिया जाएगा मामला गंभीर है और इस पर पुलिस प्रशासन के साथ सरकार की भी प्रतिष्ठा भंग हो रही है ऐसा इसलिए भी क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बावजूद पुलिस की कार्रवाई में कठोरता कम लचरता ज्यादा दिखाई दे रही है।
Comments (0)