सुनील श्रीवास्तव
प्रधान संपादक, IND24
मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं। अब तक 16 नगर निगमों में काबिज भाजपा इस चुनाव में 9 पर आ गई है। कांग्रेस ने अब तक का अपना सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए 5 नगर निगमों में जीत हासिल कर रिकॉर्ड बनाया है, तो वहीं आम आदमी पार्टी ने सिंगरौली नगर निगम जीतकर सभी राजनैतिक पंडितों को चौंका दिया है। कटनी में निर्दलीय प्रीति सूरी ने जीत दर्ज कर भाजपा-कांग्रेस के सियासी समीकरण बिगाड़ दिये। कांग्रेस 57 साल में पहली बार ग्वालियर नगर निगम के महापौर पद पर कब्जा करने में सफल हुई है। यहां कांग्रेस की शोभा सिकरवार चुनाव जीतीं है। कांग्रेस के लिए ग्वालियर, मुरैना, छिंदवाड़ा, रीवा और जबलपुर नगर निगम शुभ साबित हुई, तो वहीं उज्जैन और बुरहानपुर में कांग्रेस उम्मीदवार बहुत कम अंतर से चुनाव हार गए। भाजपा ने नगर निगम के मुकाबले नगर परिषद और नगर पालिकाओं में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर रिकॉर्ड बनाया। मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि भाजपा संगठन के इतिहास में इस बार के नगरीय निकाय के नतीजे ऐतिहासिक है। अब तक भाजपा इतने बड़े पैमाने पर कभी भी नगर परिषद और नगर पालिका का चुनाव नहीं जीती है, तो वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा की जीत को अभूतपूर्व बताया। उन्होनें कहा कि जहाँ भी कांग्रेस जीती है, वहां बहुमत भाजपा।का ही है, यानी कांग्रेस की जीत अधूरी है। 5 नगर निगम जीतकर कांग्रेस खेमे में उत्साह है और 2023 के लिए नई उम्मीदें भी है।
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ये नतीजे, कुछ कह रहे हैं। इस चुनाव में भाजपा का डैमेज कंट्रोल न कर पाना उसके लिए मुसीबत बना, तो कांग्रेस ने काफी हद तक बागियों को मनाकर जीत अपनी झोली में डाल ली। कांग्रेस इन चुनावों में साइलेंट तैयारी और रणनीति पर काम कर रही थी, तो भाजपा रोड शो और सभाओं के जरिये जनता से संवाद कर वोट मांग रही थी। नतीजे भले ही किसी के पक्ष में हो, लेकिन सवाल सभी के लिए है कि जिन दिग्गज नेताओं के इलाकों में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा है। उनके राजनीतिक भविष्य क्या होगा, क्या इन्हीं नेताओं के दम पर दल 2023 की वैतरणी पार कर पायेंगे या फिर परिवर्तन कर नए नेतृत्व की तलाश की जायेगी।
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