वॉशिंगटन, अमेरिका ने एक बार फिर से अपने सफल फाइटर जेट एफ-16 का भारत को बड़ा ऑफर दिया है। अमेरिका के प्रशांत एयर फोर्स बेड़े के डेप्युटी कमांडर मेजर जनरल डेविड ए पिफारेरिओ ने कहा कि अमेरिका भारत को एफ-16 फाइटर जेट का लेटेस्ट वर्जन देने के लिए तैयार है। यही F-16 वी वर्जन को लेकर अमेरिका ने ताइवान के साथ बड़ी डील की है। अमेरिकी वायुसेना के जनरल ने कहा कि आने वाले समय में भारतीय वायुसेना और ज्यादा मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि यह भारतीय वायुसेना पर है कि वह अपने एयर डिफेंस सिस्टम का क्या करेगी। माना जा रहा है कि उनका इशारा भारत के रूस से खरीदे एस-400 एयर डिफेंस की ओर था। अमेरिकी सरकार की ओर से इससे पहले भी कई बार एफ-16 फाइटर जेट का ऑफर भारत को आ चुका है लेकिन भारत ने फ्रांस के राफेल फाइटर जेट पर दांव लगाया।
भारत के मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्यायन और विश्लेषण संस्थान के विशेषज्ञ चेरियन सैमुअल के मुताबिक भारत ने कभी भी अमेरिका से इन विमानों को खरीदने पर कोई आपत्ति नहीं जताई है। यही नहीं भारत ने अपने 126 फाइटर जेट डील के लिए अमेरिका के एफ-16 और एफ 18 सुपर हार्नेट को 6 शार्टलिस्ट किए गए विमानों में शामिल किया था। यह पूरी डील 8.5 अरब डॉलर की होनी है। सैमुअल ने कहा कि अमेरिका से फाइटर जेट खरीदने के फायदे और नुकसान दोनों हैं। अमेरिका के ये बेहद शक्तिशाली और सफल विमान अन्ये यूरोपीय विमानों की तुलना में सस्ते हैं लेकिन इनके इस्तेमाल पर अमेरिका के कानून की ओर से कई तरह की शर्तें लगा दी गई हैं।
अमेरिकी वायुसेना ने भारत को एक बार फिर से F-16 फाइटर जेट का ऑफर दिया है। अमेरिकी वायुसेना के डेप्युटी कमांडर मेजर जनरल डेविड ने यह ताजा ऑफर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत अमेरिका के फाइटर जेट लेने से जानबूझकर परहेज कर रहा है। इसके पीछे अमेरिकी नीतियां जिम्मेरदार हैं।
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