मध्य पूर्व एक बार फिर अस्थिरता के दौर में है। हाल ही में इजराइल और ईरान के बीच चले युद्ध के बाद अब 'डेविड कॉरिडोर' नामक रणनीतिक योजना ने सीरिया को लेकर चिंता बढ़ा दी है। तुर्की, ईरान और अन्य देश इसे सीरिया की संप्रभुता के लिए खतरा मान रहे हैं।
क्या है ‘डेविड कॉरिडोर’?
यह एक रणनीतिक बेल्ट है जो इजराइल को सीरिया के दक्षिणी ड्रूज़ बहुल क्षेत्रों से जोड़ता है और वहां से होते हुए सीरिया के उत्तरी हिस्से तक पहुंच बनाता है, जहां कुर्द प्रभावी हैं। इस कॉरिडोर के जरिए इजराइल सीरिया के भीतर स्थायी प्रभाव जमाना चाहता है। जानकारों के अनुसार यह योजना 'ग्रेटर इजराइल' की सोच से प्रेरित मानी जा रही है, जिसकी परिकल्पना नील नदी से यूफ्रेट्स तक फैली सीमाओं वाली है।
सीरिया के चार हिस्सों में बंटने की आशंका
एक विश्लेषण के अनुसार यह योजना सीरिया को चार हिस्सों में बांट सकती है:
1. दक्षिण में ड्रूज़ राज्य
2. पश्चिम में अलावी इलाका
3. केंद्र में सुन्नी अरब राज्य
4. उत्तर में कुर्द क्षेत्र, जिसे SDF नियंत्रित कर सकती है।
इजराइल की मंशा क्या है?
इजराइल का तर्क है कि वह अपनी सीमाओं की रक्षा कर रहा है, खासकर उन क्षेत्रों से जहां ईरान समर्थित गुट सक्रिय हैं। हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि यह योजना सीरिया की सत्ता को कमजोर कर वहां छोटे-छोटे, इजराइल-समर्थक या तटस्थ स्वायत्त क्षेत्र बनाने की दिशा में है।
तुर्की की चिंता
तुर्की को आशंका है कि यदि कुर्द और ड्रूज़ समुदायों को स्वायत्तता दी जाती है, तो इससे न सिर्फ सीरिया की एकता टूटेगी, बल्कि तुर्की के अंदरूनी कुर्द मुद्दों को भी हवा मिल सकती है। राष्ट्रपति एर्दोआन ने स्पष्ट किया है कि वे सीरिया को टुकड़ों में बंटने नहीं देंगे।
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