वॉशिंगटन, अंतरिक्ष में फंसे बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल ने पिछले सप्ताह पृथ्वी पर वापसी की है। तकनीकी खराबियों के कारण इसमें देरी हुई है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग होने के छह घंटे बाद अंतरिक्ष यान न्यू मैक्सिको के व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज में पैराशूट के जरिए उतरा। जब यह उतर रहा था तब अंधेरा था और रेगिस्तान में यह ऑटोपायलट मोड पर उतरा। जून में यह स्पेस में गया था, लेकिन थ्रस्टर में खराबी के कारण वहीं फंस गया। वापसी से पहले कई महीनों तक ड्रामा चलता रहा। बोइंग स्टारलाइनर के जरिए अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर ले जाया गया था। यह स्टारलाइनर का पहला मानव मिशन था। हालांकि दोनों अंतरिक्ष यात्री इसके जरिए वापस नहीं लौटे हैं।
स्टारलाइनर में खराबी के कारण इसके जरिए अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी जोखिम भरी थी। नासा के वैज्ञानिकों ने इसकी जगह उन्हें स्पेस एक्स के क्रू ड्रैगन के जरिए वापस पृथ्वी पर लाने का विकल्प चुना है। इस निर्णय का मतलब है कि स्पेस स्टेशन पर अंतरिक्ष यात्री फरवरी तक रहेंगे। तकनीकी खराबियों के कारण नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने बिना चालक दल के कैप्सूल के वापसी की प्रशंसा की। इसके साथ ही वापसी को बुल्सआई लैंडिंग बताया। मतलब यह एकदम निशाने पर उतरा। ISS और नासा के विमानों पर लगे कैमरों ने स्टारलाइनर को उतरने में मदद की।
नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स बोइंग स्टारलाइनर के जरिए स्पेस में गए थे। बोइंग स्टारलाइनर में खराबी के कारण वह स्पेस में ही फंस गए। लगभग तीन महीने बाद स्टारलाइनर ने वापसी कर ली है। इसमें अंतरिक्ष यात्री नहीं थे। लेकिन नासा ने बताया कि आखिर वह सुनीता विलियम्स को क्यों नहीं लाए।
Comments (0)