देश में सुबह नाश्ते में परांठा व चाय का चलन है। इससे ज्यादा कोलेस्ट्रोल, एसिड बनता है वहीं लिवर को नुकसान होता है। आयरन की कमी हो जाती है। लोग ब्रेड व बेकरी प्रॉडक्ट्स का नाश्ता भी करते हैं। सिंथेटिक जूस पीते हैं। ये नाश्ते भी सेहत बिगाड़ने वाले हैं।
हम सब जानते हैं कि नाश्ता हमारी रोजमर्रा की सेहत के लिए न सिर्फ जरूरी होता है बल्कि इसका पौष्टिक होना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि एक पौष्टिक नाश्ते के चलते ही हमारे कामकाजी दिन की उत्साहपूर्ण शुरुआत होती है। अगर नाश्ता अच्छे से किया जाए और यह पौष्टिक हो तो हम न सिर्फ ऊर्जा से लबालब रहते हैं बल्कि काम में हमारा मन भी लगता है। क्योंकि पौष्टिक और भरपूर नाश्ता करने से एकाग्रता बनती है, याद्दाश्त बेहतर होती है और बीमार कम पड़ने तथा बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण का खतरा भी कम रहता है। वहीं नाश्ता करने से वजन बढ़ता नहीं है, उल्टे मोटापे की आशंकाएं कम होती हैं।
परांठे
आधे से ज्यादा भारत में सुबह नाश्ते के तौरपर तले हुए परांठों के खाने का चलन है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा,हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के एक बड़े हिस्से में तो परांठे के साथ चाय पीने का भी जबर्दस्त चलन है, जो परांठे को और भी ज्यादा खतरनाक बना देता है। क्योंकि परांठे सैचुरेटिड फैट और चाय में मिल्क फैट होने के कारण इससे कोलेस्ट्रोल बढ़ता है। चाय-परांठे का नाश्ता करने से पेट में एसिड बनता है और बहुत बड़ी तादाद में लोगों को यह नाश्ता करने के बाद एसिडिटी की समस्या होती है। इससे लिवर को नुकसान होता है। शरीर में आयरन की कमी हो जाती है। सुबह परांठे का नाश्ता करने के कारण पोषक तत्वों का शरीर भरपूर अवशोषण नहीं कर पाता, खासकर जब हम चाय के साथ परांठा खाते हैं। आप अपनी सेहत को लेकर फिक्रमंद हैं तो परांठे को नाश्ते के रूप में खाने का मोह छोड़ दें। ले
ब्रेड और ब्रेकरी आइटम
तले परांठों की ही तरह जो लोग व्हाइट ब्रेड या ब्राउन ब्रेड से बनने वाले तरह-तरह के व्यंजन नाश्ते में लेते हैं, वे भी अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करते हैं। आजकल विज्ञापनों के जरिये जोरशोर से व्हाइट ब्रेड की जगह होल ग्रेन ब्रेड को सभी तरह के खतरों से अलग और बेहद स्वास्थ्यकारी बताने का चलन है, लेकिन यह बात सही नहीं है। सच तो यह है कि होल ग्रेन या ब्राउन ब्रेड के नाम पर सिर्फ बेवकूफ बनाया जाता है। किसी भी तरह की ब्रेड को अगर हम नियमित रूप से नाश्ते के तौरपर खाते हैं तो ग्लूटेन इंटॉलरेंस से पीड़ित हो सकते हैं जिससे जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है।
पैकेज्ड फूड और सिंथेटिक जूस
नाश्ते की मेज पर तीसरे सबसे खतरनाक नाश्ते हैं पैकेज्ड फूड और सिंथेटिक जूस। पैकेज्ड फूड में बहुत ज्यादा चीनी, नमक और फैट होता है। इनमें मौजूद इमल्सीफ्रायर कंपाउंड दिल की सेहत के लिए खतरनाक होता है। इससे कार्डियोवेस्कुलर बीमारियां हो जाती हैं। पैकेज्ड फूड की पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक भी सेहत के लिए बहुत खतरनाक है। पैकेज्ड फूड डायबिटीज, मोटापे और पैनक्रिएटिक कैंसर की आशंकाएं खड़ी करता है।
हेल्दी व हल्की नाश्ता आइटम
सवाल है कि फिर नाश्ते में क्या खाएं। क्योंकि पूछा जा सकता है कि आपने ये तो बता दिया कि क्या-क्या न खाएं, लेकिन यह नहीं बताया कि आम भारतीयों के लिए सेहतमंद नाश्ता क्या है? तो सेहतमंद नाश्ते में शामिल हैं- पोहा, उपमा, मल्टी दाल, खिचड़ी, ताजे फल, दही, उबला अंडा, ताजे फलों का जूस, खाली पेट पपीता, घर का बना पनीर, रोटी सब्जी, भिगोए हुए चने, स्प्राउट, हर्बल टी, आमलेट, कम तले भरवां परांठे, ढेर सारे मौसमी फल। ये सब सुबह के लिए पौष्टिक नाश्ते हैं।
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