इस बार पितृ पक्ष 17 सितंबर से लेकर 02 अक्टूबबर तक हैं। अगर आप इस बार के पितृ पक्ष के दौरान गर्भवती हैं, तो आपको कुछ विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए।
पितृ पक्ष 17 सितंबर से शुरू हो चुके हैं लेकिन पहला श्राद्ध 18 सितंबर को था। अपने पूर्वजों को याद करने और पितरों का तर्पण करने के लिए पितृ पक्ष को बहुत महत्वपपूर्ण माना जाता है। माना जाता है कि इन दिनों में पितर धरती पर अपने परिवारजनों से मिलने आते हैं। महालय अमावस्या् या सर्व पितृ अमावस्या पर वे पितृ लोक वापस लौट जाते हैं। पितृ पक्ष का समापन 02 अक्टूयबर को होगा।
गर्भवती महिला को आमतौर पर कई सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है और पितृ पक्ष के दौरान भी धार्मिक रीतियों के अनुसार गर्भवती महिला को कुछ बातों का ध्याहन रखना चाहिए। इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि श्राद्ध के दिनों में गर्भवती महिला को क्या करना चाहिए और किन कार्यों से बचना चाहिए।
पितृ पक्ष में ये काम न करें
पितृ पक्ष के दौरान गर्भवती महिला को कोई भी व्रत नहीं रखना चाहिए। इसके अलावा उन्हें् किसी की अंतिम यात्रा में भी शामिल होने से बचना चाहिए। इस समय किसी एकांत या खाली जगह पर नहीं जाना चाहिए। पितृ पक्ष में प्रेगनेंट औरतों को नॉन वेजिटेरियन खाने से परहेज करना चाहिए।
साफ-सफाई का ध्यापन रखें
श्राद्ध के दिनों में घर और आसपास की जगह को साफ-सुथरा रखना चाहिए। प्रेग्नेंिसी में हाइजीन का ध्याटन रखना बहुत आवश्यमक है और धार्मिक कार्यों में पवित्रता का विशेष ध्याचन रखना चाहिए। इसके अलावा प्रेगनेंट औरतें श्राद्ध के दिनों में ध्यामन और प्रार्थना कर सकती हैं। शांत मन और सकारात्माक विचार शिशु के मानसिक एवं भावनात्म क विकास में मदद कर सकते हैं।
ये काम न करें
श्राद्ध के दिनों में कई तरह के धार्मिक अनुष्ठाीन किए जाते हैं जिनमें अधिक मेहनत की जरूरत पड़ती है। गर्भवती महिलाओं को अधिक थका देने वाले काम करने से बचना चाहिए। इससे उनके शरीर पर बोझ पड़ सकता है।
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