रुखसार जहां
बारिश के मौसम में बीमार होना आम है। इस मौसम में भीगने से कई तरह के इंफेक्शन भी हो सकते हैं। सर्दी-खांसी और बुखार बारिश के आम लक्षणों में से एक है। ऐसे में इस मौसम में आप अपना ख्याल कैसे रखे और बीमार न पड़े इसके लिए आपको कुछ सावधानियां रखनी होंगी। तो आइये आपको बताते हैं कि बारिश के मौसम में आप कैसे खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
- बारिश के वक्त घर से न निकलें
- बाहर जाते वक्त छतरी और रेनकोट साथ में रखें
- बारिश का पानी अपने सिर पर न पड़ने दे
- सिर भीग जाए तो घर आकर तुरंत सुखा लें
बारिश में होने वाली बीमारियां
सर्दी-जुकाम, बुखार
सर्दी-जुकाम, बुखार बारिश के मौसम में आम है। काफी देर तक शरीर में नमी रहने के कारण इन बीमारियों के बैक्टीरिया जन्म लेते हैं। जिससे इन रोगों की संभावना बढ़ जाती है। इससे बचाव के लिए बारिश में भीगने से बचना जरुरी है। अगर किसी वजह से भीग जाते हैं तो तुरंत कपड़े बदलकर सूखे कपड़े पहन लेना चाहिए।
मलेरिया
मलेरिया मादा एनिफिलीज मच्छर के काटने से होता है और ये रोग एक संक्रामक रोग है, और दुनिया के सबसे जानलेवा बीमारियों में से एक है। इसलिए इसे हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। अगर बुखार, बदनदर्द के साथ आपको कंपकंपाहट हो रही है तो यह मलेरिया के लक्षण है। मच्छरों के काटने से खुद का बचाव करना इसके रोकथाम का पहला मंत्र है। इसके लिए रात में मच्छरदानी का प्रयोग करें, घर के आसपास पानी न इकट्ठा होने दें, और नालियों में डीडीटी का छिड़काव जैसे तरीके अपनाए। मलेरिया के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने में ही समझदारी है।
हैजा
आस-पास की गंदगी हैजा फैलने का सबसे बड़ा कारण है। इस रोग के होने पर दस्त और उल्टियां आती हैं पेट में तेज दर्द होता है। बेचैनी और प्यास की अधिकता हो जाती है। इससे बचने के लिए आसपास की सफाई के अलावा पानी उबालकर पीना चाहिए। इस रोग से बचाव का सबसे अच्छा उपाय टीकाकरण है। हैजा होने पर समय रहते रोगी का उपचार जरुरी है।
टाइफाइड
बारिश के दिनों मे सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक टाइफाइड है। संक्रमित जल और भोजन से होने वाले इस रोग में तेज बुखार आता है, जो कई दिनों तक बना रहता है। ठीक होने के बाद भी इस बीमारी से होने वाला संक्रमण रोगी के पित्ताशय में जारी रहता है। जिससे जीवन का खतरा बना रहता है। संक्रामक रोग होने के कारण टाइफाइड के रोगी को लोगों से दूर रहना चाहिए, टीकाकरण इस बीमारी को रोकने के लिए बहुत जरुरी है। ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन इस रोग से बचाव के लिए फायदेमंद होता है।
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चिकनगुनिया
चिकनगुनिया एडीज ऐजिपटी मच्छर के काटने से होता है। इस खास तरह के मच्छर के काटने के 3 से 7 दिन के बाद चिकनगुनिया के लक्षण रोगी के शरीर में दिखाई देने लगते हैं। बुखार आना और जोड़ों में दर्द होना, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में सूजन औऱ शरीर पर दाने आना इस रोग के लक्षण हैं। इस रोग से बचाव के लिए बाहर बिकने वाले खुले खाने से परहेज करें। साफ पानी पिएं, अधिकाधिक मात्रा में तरल पदार्थ लें। शरीर में पानी की कमी को दूर करें, और लक्षण का पता चलते ही डॉक्टर से संपर्क करें।
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