उच्च रक्तचाप से परेशान लोग अक्सर नमक कम करने की सलाह मानते हैं। लेकिन नई रिसर्च इशारा करती है कि सिर्फ नमक कम करना काफी नहीं है। पोटैशियम की सही मात्रा से ब्लड प्रेशर को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है।
आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी और बदलते खानपान के कारण ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप की समस्या आम होती जा रही है। ज़्यादातर लोग इसे नियंत्रित करने के लिए केवल नमक कम करने पर ज़ोर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस समस्या के समाधान में पोटैशियम की अहम भूमिका है? सही मात्रा में पोटैशियम लेना, नमक की मात्रा घटाने से भी अधिक असरदार हो सकता है। इसलिए अब समय आ गया है कि हम सिर्फ परहेज़ नहीं, पोषण पर भी ध्यानदें।
पोटैशियम और सोडियम का संतुलन क्यों है ज़रूरी
पोटैशियम और सोडियम एक-दूसरे के पूरक की तरह काम करते हैं। जहां सोडियम शरीर में पानी रोकने का काम करता है, वहीं पोटैशियम अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालकर ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है। अगर सोडियम अधिक हो और पोटैशियम कम, तो रक्तचाप बढ़ने लगता है। इसलिए यह ज़रूरी है कि हम सिर्फ नमक कम करने पर ध्यान न दें, बल्कि पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थों को भी अपने आहार में शामिल करें। संतुलन बनाए रखना ही स्वस्थ हृदय और बेहतर रक्तचाप का मूलमंत्र है।
कौन-कौन से फूड्स हैं पोटैशियम के बेहतरीन स्रोत
पोटैशियम को डाइट में शामिल करना मुश्किल नहीं है। केले, शकरकंद, पालक, एवोकाडो, टमाटर, नारियल पानी, दही, बीन्स और मछली जैसे खाद्य पदार्थ इसमें भरपूर पाए जाते हैं। दिन की शुरुआत एक केले से करें या लंच में पालक-सब्ज़ी शामिल करें—ये आसान बदलाव ब्लड प्रेशर पर बड़ा असर डाल सकते हैं।
सिर्फ नमक कम करने से क्यों नहीं मिलता पूरा फायदा
बहुत से लोग मानते हैं कि ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने का एकमात्र उपाय है—नमक कम करना। लेकिन ऐसा करना अधूरी रणनीति है। अगर डाइट में पोटैशियम नहीं है, तो नमक कम करने के बावजूद असर उतना मजबूत नहीं होता। क्योंकि पोटैशियम ही वह तत्व है जो सोडियम के दुष्प्रभाव को संतुलित करता है। मतलब, अगर आप पोटैशियम युक्त आहार नहीं लेते, तो नमक घटाने से सीमित लाभ ही मिलेगा।
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