आजकल सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। हमारी सुबह की चाय से लेकर रात की नींद तक, हम लगातार अपने फोन में स्क्रॉल करते रहते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह लगातार स्क्रॉलिंग, जिसे हम डूम्सक्रोलिंग भी कहते हैं, आपके मानसिक स्वास्थ्य पर कितना बुरा असर डाल रही है?
डूम्सक्रोलिंग के नुकसान
- मानसिक स्वास्थ्य पर असर- लगातार नकारात्मक खबरों को पढ़ने या देखते रहने से चिंता, तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।- नींद की समस्याएं- सोने से पहले फोन का इस्तेमाल करने से नींद की क्वालिटी खराब होती है।
- प्रोडक्टिविटी में कमी- डूम्सक्रोलिंग से हमारा दिमाग थक जाता है, जिसके कारण प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है और हम अपने जरूरी कामों पर फोकस नहीं कर पाते।
- सोशल कनेक्शन्स की कमी- सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने से हम असल जिंदगी के रिश्तों से दूर होते जाते हैं।
डूम्सक्रोलिंग की आदत कैसे छुड़ाएं?
- समय सीमा तय करें- सोशल मीडिया पर बिताने के लिए एक फिक्स टाइम लिमिट तय करें और उसे फॉलो करें।- नोटिफिकेशन बंद करें- सोशल मीडिया ऐप्स के नोटिफिकेशन बंद करने से आप बार-बार फोन चेक करने से बचेंगे।
- सोशल मीडिया फास्टिंग- सप्ताह में कुछ दिन सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर रहने की कोशिश करें।
- मेडिटेशन और योग- मेडिटेशन और योग करने से आपका मन शांत होगा और आप सोशल मीडिया पर कम समय बिताएंगे।
- नई एक्टिविटीज- खाली समय में सोशल मीडिया की जगह किताब पढ़ने, एक्सरसाइज करने या कोई नया हुनर सीखने में लगाएं।
- पॉजिटिव कंटेंट- सोशल मीडिया पर केवल पॉजिटिव और मोटिवेशनल कंटेंट वाले लोगों और पेज को फॉलो करें।
- डिजिटल वेलबीइंग टूल्स- अपने फोन में डिजिटल वेलबीइंग टूल्स का इस्तेमाल करके सोशल मीडिया को कम से कम समय तक यूज करें।
- बेडरूम में फोन न रखें- सोने से एक-दो घंटे पहले फोन को किसी दूसरे रूम में रख दें। इससे आप सोते समय सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करेंगे और आपको नींद भी अच्छी आएगी।
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