बरसात का मौसम आते ही कई तरह की बीमारियां भी अपना आतंक मचाना शुरु कर देती हैं। ऐसे में बहुत से लोग इस बात से अनजान है कि मूड स्विंग की समस्या का भी बारिश से नाता है।
बरसात का मौसम आते ही कई तरह की बीमारियां भी अपना आतंक मचाना शुरु कर देती हैं। ऐसे में बहुत से लोग इस बात से अनजान है कि मूड स्विंग की समस्या का भी बारिश से नाता है। इस मौसम में बहुत से लोगों के व्यवहार और भावनाओं में अचानक से बदलाव आने लगता है, खासकर महिलाओं में इस तरह की समस्याएं देखने को मिल रही है।
इस मौसम में उदास रहने लगती हैं महिलाएं
अमेरिका के हॉर्वर्ड मेडिकल में स्कूल के प्रोफेसर डॉ. रामशंकर उपाध्याय के अनुसार बरसात के मौसम में महिलाओं में सेरोटोनिन हार्मोन का स्तर घट जाता है। इससे उन्हें खुशी का एहसास कम होता है और वे उदास रहने लगती हैं। ऐसे में वे ज्यादा खाने लगती हैं। कई बार वह अपने मूड को ठीक करने के लिए ऐसी चीजें खाती हैं जो उनकी सेहत को बेहद नुकसान पहुंचाती हैं।
मूड स्विंग के कारण
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक मूड स्विंग होना कोई मेंटल डिसऑडर नहीं है. ये समस्या किसी को भी हो सकती है। शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के अचानक से बढ़ने और घटने की वजह से लड़कियों को मूड स्विंग की समस्या होती है। इसके अलावा, प्रेगनेंसी यानी गर्भावस्था, तनाव, हार्मोनल असंतुलन, मेनोपॉज और भ्रम की बीमारी होने पर भी मूड स्विंग होता है। इस समस्या से बचने के लिए सेल्फ केयर सबसे ज़रूरी है।
Comments (0)