कोलेजन और बायोटिन स्किन के साथ ही हेयर के लिए भी बहुत जरूरी होते हैं. लेकिन इन दोनों में क्या अंतर है और इन दोनों में से सबसे ज्यादा जरूरी कौन-सा है, इसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं.
स्किन और हेयर को हेल्दी रखने के लिए कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है. जिसमें कोलेजन और बायोटिन भी शामिल है. आपने भी सुना होगा की कई लोगहेयर को सही रखने के लिए बायोटिन ट्रीटमेंट करवाते हैं, वहीं कोलेजन स्किन को सही बनाए रखने के लिए फायदेमंद होता है. ऐसे में सुंदरता को बनाएं रखने के लिए इन दोनों में से क्या ज्यादा फायदेमंद है और इनमें अंतर क्या है.
कोलेजन
कोलेजन एक स्किन है और ये स्किन, हड्डियों, टेंडन और लिगामेंट्स को स्ट्रक्चर देता है. साथ ही स्किन को इलास्टिसिटी को बनाएं रखने में भी मदद करता है. समय के साथ, कोलेजन का प्रोडक्शन कम हो जाता है, जिससे फाइन लाइंस और स्किन ढीली हो सकती है. कोलेजन से भरपूर फूड्स और सप्लीमेंट शरीर के कोलेजन स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकती है, जिससे स्किन जवां और ग्लोइंग नजर आती है.
बायोटिन
बायोटिन को विटामिन बी7 का रूप भी जाना जाता है, एक पानी में घुलनशील विटामिन है जो बालों, त्वचा और नाखूनों को हेल्दी बनाएं रखने के लिए जरूरी होता है. यह केराटिन प्रोडक्शन को को बढ़ावा देता है, वह प्रोटीन जो आपके बालों और नाखूनों को मजबूत और अधिक लचीले बनाने में मदद करता है.
चिकन, मछली, नट्स, सीड्स, फलियां और सोया प्रोडक्ट्स से शरीर में कोलेजन की मात्रा को बढ़ाने की मदद मिल सकती है. इसके अलावा अंडा, बादाम शकरकंद, ब्रोकली और पालक जैसे सब्जियां बायोटिन का अच्छा सोर्स होती हैं.
कोलेजन स्किन के लिए जरूरी होता है ये स्किन को हाइड्रेट रखने, इलास्टिसिटी बनाएं रखने और एजिंग को कम करने में मदद करता है और बायोटिन बालों को हेल्दी बनाएं रखने जैसे कि झड़ने बालों की समस्या को कम करने और बालों की ग्रोथ के लिए बायोटिन फायदेमंद माना जाता है.
शरीर में कोलेजन की कमी होने पर स्किन ड्राई होना, झुर्रियों जैसे एजिंग साइन नजर आना और जोड़ों में दर्द जैसी समस्या हो सकती है. वहीं शरीर में बायोटिन की कमी होने पर बाल झड़ने, आंखों में ड्राइनेस और स्किन पर लाल दाने होने जैसी समस्या हो सकती है.
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