8 मार्च को को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी अमेरिका में महिलाओं ने अपने हक के लिए एक बड़ा आन्दोलन किया था।
8 मार्च को को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी अमेरिका में महिलाओं ने अपने हक के लिए एक बड़ा आन्दोलन किया था। हालांकि आज भी लोग इस बात से अनजान हैं कि बैंगनी रंग को महिला दिवस का प्रतीक क्यों माना गया है।
बैंगनी रंग का इतिहास
1908 में, महिलाओं के अधिकारों के लिए चल रहे आंदोलनों में ब्रिटिश महिला सामाजिक और राजनीतिक संघ (WSPU) ने बैंगनी, सफेद और हरे रंग को अपने झंडे के रंगों के रूप में चुना। इसमें बैंगनी रंग को न्याय और गरिमा का प्रतीक माना गया। धीरे-धीरे, यह रंग अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से जुड़ गया और महिलाओं के अधिकारों के संघर्ष में इसे प्रमुखता से अपनाया गया।
महिला दिवस के लिए बैंगनी रंग क्यों चुना गया?
बैंगनी रंग को महिला दिवस का प्रतीक इसलिए माना जाता है क्योंकि यह सशक्तिकरण, न्याय और गरिमा को दर्शाता है। इसे महिलाओं की शक्ति, स्वतंत्रता और समानता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है यह रंग महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता की मांग को दर्शाता है। बैंगनी को हमेशा से रॉयल कलर माना गया है, जो महिलाओं के सम्मान और गरिमा को दर्शाता है। यह महिलाओं की स्वतंत्रता, रचनात्मकता और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।
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