पाकिस्तान रेंजर्स की ओर से हिरासत में लिए गए बीएसएफ कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार साहू रिहा हो गए हैं। उन्हें अटारी बॉर्डर से भारत भेज दिया गया है। 20 दिन पहले पाकिस्तान ने बीएसएफ जवान पुर्नम कुमार साहू को पकड़ लिया था। पहलगाम हमले के एक दिन बाद 23 अप्रैल को पुर्नम गलती से पाकिस्तान बॉर्डर में चले गए थे। इसके बाद से वह लापता थे। उनकी गर्भवती पत्नी, पति की वापसी के लिए लगातार प्रयास कर रही थीं।
बंगाल के रहने वाले BSF कांस्टेबल पूरन कुमार शॉ बुधवार को भारत लौट आए। उन्हें पाकिस्तान में 23 अप्रैल से रखा गया था। वह वाघा-अटारी बॉर्डर से भारत आए। पूर्णम कुमार शॉ को तब पकड़ा गया था जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया था। यह तनाव जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए एक हमले के बाद और बढ़ गया था।
अटारी बॉर्डर पर पहुंची पत्नी
गर्भवती रजनी को अधिकारियों ने पूर्णम के सुरक्षित होने का आश्वासन दिया और उन्हें वापस लौटने को कहा। उन्हें आश्वासन दिया गया कि पूर्णम ठीक हैं और जल्द ही भारत लौटेंगे। BSF लगातार उन्हें छुड़ाने कोशिश कर रहा था। इसी बीच भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया। ऑपरेशन सिंदूर और फिर दोनों के बीच युद्ध जैसे हालात ने चिंता और बढ़ा दी।
खुश हुईं पूर्णम की पत्नी रजनी
रजनी ने बताया कि जब हम फिरोजपुर गए, तो BSF के बड़े अधिकारियों ने हमें हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने मुझसे शांत और धैर्य रखने को कहा। मैं इतने दिनों से धैर्य रख रही थी। लेकिन, हालात को देखते हुए हम सब बहुत चिंता हो गई थी। पति की वापसी को लेकर उम्मीदें कम हो रही थीं लेकिन उनकी वापसी के बाद उनका भारतीय सेना और केंद्र पर भरोसा और अटूट हो गया है।
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