चीन के उप विदेश मंत्री सुन वेईडोंग इस सप्ताह भारत की यात्रा पर आ सकते हैं। इस साल दोनों देशों के बीच यह दूसरी उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय यात्रा होगी। इससे पहले जनवरी में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बीजिंग का दौरा किया था। उस दौरान सुन और मिस्री ने संबंधों को सामान्यकरने के लिए कई उपायों पर सहमति जताई थी। इस बड़े घटनाक्रम को अमेरिका के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है।
सुन की दो दिवसीय यात्रा भारत और चीन के संबंधों में सुधार को और मजबूत करेगी। पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। लगभग पांच साल तक सैन्य गतिरोध चला, जिससे दोनों देशों के रिश्ते खराब हो गए थे। इसके बाद अक्टूबर में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की रूस में मुलाकात हुई। दो महीने बाद सीमा प्रश्न पर विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता फिर से शुरू हुई।
बेहद महत्वपूर्ण होगी बैठक
यह बैठक भारत और चीन के लिए महत्वपूर्ण होगी। वे जनवरी में संबंधों को सामान्य करने के लिए घोषित कदमों पर हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे। दोनों पक्ष कैलाश मानसरोवर यात्रा-2025 को फिर से शुरू करने पर सहमत हुए थे। यह भारत की मांग थी, जिसे पूरा कर दिया गया है। सीमा पार नदियों पर सहयोग में भी प्रगति हुई है। हालांकि, दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवाएं अभी तक फिर से शुरू नहीं हुई हैं।
Comments (0)