देश में पहली बार मध्य प्रदेश वह राज्य बन गया है, जहां भगवान बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर कैदियों को विशेष रिहाई दी गई है। अब तक केवल 15 अगस्त, 26 जनवरी, गांधी जयंती और अंबेडकर जयंती पर ही अच्छे आचरण वाले कैदियों की सजा माफ कर उन्हें रिहा किया जाता था, लेकिन पहली बार आदिवासी गौरव दिवस पर यह कदम उठाया गया है।
राज्यभर की विभिन्न जेलों से कुल 32 कैदियों को रिहाई दी गई, जिनमें इंदौर सेंट्रल जेल से दो कैदी शामिल हैं। इंदौर जेल अधीक्षक ने बताया कि सुनील रामलाल और मंसाराम सिद्धू पिछले 14 वर्षों से आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। जेल में उत्तम आचरण, अनुशासन और सुधारात्मक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी को देखते हुए सरकार ने उनकी शेष सजा माफ करने का निर्णय लिया। जेल परिसर में दोनों कैदियों को औपचारिक रूप से रिहाई पत्र सौंपा गया।
मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि बिरसा मुंडा जयंती सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और पुनर्वास की भावना को मजबूत करने का अवसर है। इसी सोच के तहत अच्छे आचरण के आधार पर कैदियों को नया जीवन शुरू करने का मौका दिया जा रहा है।