


भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया है कि भारत, फ्रांस की मदद से पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए इंजन बनाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मई 2025 में इस विमान के प्रोटोटाइप को मंजूरी दी थी और इसे "देश की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम" बताया था। दिल्ली में एक सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि AMCA के इंजन भारत में ही डेवलप होंगे और उनका निर्माण भी भारत में ही होगा। फ्रांसीसी कंपनी सेफ्रोन से इंजन बनाने को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही थी और अब जाकर तय हो गया है कि भारत खुद का फाइटर जेट इंजन बनाएगा।
लड़ाकू विमानों का इंजन बनाने अत्यंत मुश्किल काम है और चीन ने पिछले 25-30 सालों में लड़ाकू विमानों के इंजन बनाने में आत्मनिर्भरता हासिल करने में 20 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च किए हैं। फिर भी चीन अभी तक पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का इंजन सौ फीसदी कामयाबी के साथ नहीं बना पाया है। हालांकि वो काफी करीब जरूर पहुंच चुका है। चीन अब चौथी पीढ़ी और 4.5 जेनरेशन लड़ाकू विमानों का इंजन बनाने में महारत हासिल कर चुका है और रूस, फ्रांस और अमेरिका की लिस्ट में शामिल हो चुका है। भारत को लेकर लंबे समय से एक्सपर्ट्स का मानना था कि चीन का मुकाबला करने के लिए भारत को विदेशी कंपनियों के साथ की जरूरत है।
AMCA इंजन का चीनी लड़ाकू विमानों से मुकाबला
रिपोर्ट के मुताबिक AMCA लड़ाकू विमान के इंजन में ड्राई थ्रस्ट 75–80 kN होगा और आफ्टरबर्नर के साथ 110–120 kN तक की शक्ति होगी, जिससे विमान में सुपरक्रूज क्षमता और हाई स्पीड होगी। इसकी स्पीड सुपरसोनिक स्पीड से थोड़ी ज्यादा होने की संभावना है। फ्रांसीसी कंपनी के साथ साझेदारी भारत के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे भारत एक बार में कई सीढ़ियों की छलांग लगा पाएगा। भारत अभी तक खुद का लड़ाकू विमान का इंजन बनाने में नाकाम रहा है और मौजूदा तेजस-1 लड़ाकू विमान का इंजन भी अमेरिका से खरीद रहा है।