


दुनिया में छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने की रेस लग चुकी है। अमेरिका, चीन, जापान गठबंधन के साथ साथ रूस और भारत जैसे देश भी नेक्स्ट जेनरेशन जेट बनाने की रेस में लगे हुए हैं। लेकिन छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने की रेस में अगर कोई देश सबसे आगे है तो वो जापान है। जापान GCAP (Global Combat Air Programme) प्रोजेक्ट के तहत इटली और यूनाइटेड किंगडम के साथ मिलकर 6th जेनरेशन फाइटर जेट बना रहा है। जापान टेक्नोलॉजी के मामले में कितना एडवांस रहा है तो पूरी दुनिया जानती है और अमेरिका भी इस हकीकत को समझता है। इसलिए अमेरिका ने अपने 6th जेनरेशन फाइटर जेट F-47 के लिए जापान के प्रोजेक्ट को खराब करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।
जापानी अखबार असाही शिम्बुन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा को फोन किया था। जिसमें ट्रंप ने जापानी पीएम को अमेरिकी F-47 फाइटर जेट के फायदे गिना रहे थे। डोनाल्ड ट्रंप ने जापानी प्रधानमंत्री को टेलीफोन पर अपनी मिडिल ईस्ट की यात्रा की कामयाबियों का बखान किया और साथ साथ F-47 खरीदने पर विचार करने के लिए कहा। जिसके बाद जापान के अधिकारी अब इस बात पर विचार कर रहे हैं कि आखिर डोनाल्ड ट्रंप के फोन करने का मकसद क्या था? अधिकारियों के मानना है अमेरिका ने जापान को अपना F-47 नाम का सिक्स्थ जनरेशन एयरक्राफ्ट बेचने का ऑफर दिया है। अब सवाल ये है कि क्या जापान इस पर ध्यान देगा?
ट्रंप ने जापानी प्रधानमंत्री को टेलीफोन पर क्या कहा?
जापानी प्रधानमंत्री को फोन करने के बाद ट्रंप ने उनसे अपने मिडिल ईस्ट दौरे के बारे में बात करनी शुरू की थी, जो हैरान करने वाला था। लेकिन जापानी प्रधानमंत्री उस वक्त चौंके, जब ट्रंप ने अचानक F-47 लड़ाकू विमान के बारे में बात करनी शुरू कर दी। अमेरिका F-47 नाम से छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान बना रहा है, जिसका कॉन्ट्रैक्ट इसी साल मार्च में बोइंग को दिया गया है।