पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर सोमवार को फिर एक बार दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया, जब ज़हरीली धुंध ने पूरे शहर को अपनी गिरफ्त में ले लिया। रियल-टाइम एयर क्वालिटी डेटा के मुताबिक, लाहौर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 312 तक पहुंच गया जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से 25 गुना अधिक खतरनाक स्तर है।
सिटी स्कूल, अल्लामा इकबाल टाउन में AQI 505, फौजी फर्टिलाइज़र पाकिस्तान में 525, और सिटी स्कूल शालीमार कैंपस में 366 दर्ज किया गया। यह सभी स्तर ‘स्वास्थ्य आपातकाल’ (Health Emergency) की श्रेणी में आते हैं। पंजाब सरकार ने पूरे प्रांत में हाई अलर्ट घोषित किया है। लाहौर के बाद फ़ैसलाबाद (AQI 439) और मुल्तान (AQI 438) भी खतरनाक स्तर पर हैं। गुजरांवाला, बहावलपुर और सियालकोट जैसे शहरों में भी प्रदूषण का स्तर बेहद ऊंचा है। वैश्विक रैंकिंग में सोमवार रात लाहौर (AQI 272) ने दिल्ली (AQI 220) और कोलकाता (AQI 170) को पीछे छोड़ दिया, जिससे वह दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया।
मौसम की स्थिति ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।0 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल रही शांत हवाएं और 50% नमी ने ज़हरीले कणों को ज़मीन के पास फंसा दिया है, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई है। सरकार ने नागरिकों, विशेषकर बच्चों, बुज़ुर्गों और अस्थमा पीड़ितों से घरों में रहने की अपील की है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यह संकट अब हर साल की त्रासदी बन चुका है, और इस बार प्रदूषण का मौसम काफी भयावह रूप में शुरू हुआ है।