


फरवरी 2019 में केंद्र सरकार ने पीएम किसान योजना शुरू की थी, जिसका मकसद देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता देना है। इस योजना के तहत, खेती योग्य जमीन रखने वाले किसान अपने बैंक खातों में सीधे तीन किस्तों में सालाना 6,000 रुपये प्राप्त करते हैं। यह राशि किसान की मदद के लिए सीधे उनके खाते में भेजी जाती है ताकि वह खेती से जुड़ी जरूरतें पूरी कर सके।
किस्तों की बढ़ोतरी होगी या नहीं?
हाल ही में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने अभी तक पीएम किसान योजना के तहत सालाना मिलने वाले 6,000 रुपये की राशि बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं रखा है। यानी फिलहाल किसानों को मिलने वाली रकम वही रहेगी जो शुरू से तय है।
नए पंजीकरण में आईडी अनिवार्य
मंत्री रामनाथ ठाकुर ने यह भी जानकारी दी कि सरकार ने योजना के तहत नए किसानों के पंजीकरण के लिए 14 राज्यों में किसान पहचान (किसान आईडी) अनिवार्य कर दी है। इसका उद्देश्य पंजीकरण प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है ताकि सही किसानों तक ही लाभ पहुंच सके।
योजना के तहत अब तक कितना वितरण हुआ?
सरकार की आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत से अब तक 20 किस्तों के माध्यम से लगभग 3.90 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि लाभार्थियों के खाते में पहुंचाई जा चुकी है। यह राशि देश के लाखों किसानों की मदद कर चुकी है और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने में अहम भूमिका निभाई है। पीएम किसान योजना को पूरी तरह डिजिटल बनाया गया है ताकि लाभ सीधे सही किसानों तक पहुंचे और किसी भी तरह के बिचौलिये इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप न कर सकें। राज्यों को भी कई पंजीकरण के तरीके दिए गए हैं, जिनमें किसान स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं, सीएससी केंद्रों के माध्यम से या राज्य के कृषि तथा राजस्व अधिकारियों की मदद से पंजीकरण कराना शामिल है।