


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी (सपा) को निशाने पर लेते हुए कहा कि बीजेपी ने बच्चों को संस्कारों से जोड़ते हुए 'ग' से 'गणेश' पढ़ाया, जबकि सपा ने इसे लेकर 'ग' से 'गधा' की बात की। योगी ने इस बयान के माध्यम से सपा के नजरिए पर सवाल उठाए और इस पर प्रतिक्रिया दी कि कैसे राजनीतिक दल शिक्षा और संस्कारों को देख रहे हैं।
'ग' से 'गणेश' पर जोर
सीएम योगी ने बीजेपी के दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने बच्चों के लिए संस्कारों से जुड़े शब्दों की शुरुआत 'ग' से 'गणेश' के रूप में करवाई, ताकि बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का अवसर मिले। उनका कहना था कि इस तरह से बच्चों में भारतीय धर्म, संस्कृति और परंपराओं का सम्मान उत्पन्न होता है, जो एक मजबूत समाज बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
सपा पर हमला
योगी आदित्यनाथ ने सपा के रुख पर हमला करते हुए कहा कि सपा ने बच्चों को शिक्षा देने में जो तरीका अपनाया है, उसमें 'ग' से 'गधा' की बात की गई है, जो उनके विचारों को दर्शाता है। उनका यह बयान राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से विवादास्पद हो सकता है, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे अपने पार्टी के संस्कार केंद्रित दृष्टिकोण के रूप में प्रस्तुत किया।
शिक्षा और संस्कार पर राजनीति
यह बयान उस समय आया है जब भारतीय राजनीति में शिक्षा और संस्कार से जुड़े मुद्दे पर काफी बहस हो रही है। बीजेपी और सपा जैसी प्रमुख पार्टियां अपने-अपने तरीके से इस मुद्दे पर चुनावी दावे कर रही हैं। योगी आदित्यनाथ का यह बयान इस बहस में एक और अहम मोड़ जोड़ता है।
सीएम योगी की सोच
सीएम योगी का यह बयान इस बात को उजागर करता है कि उनकी पार्टी शिक्षा के मामले में भारतीय संस्कृति और परंपराओं को प्राथमिकता देती है। यह विचारधारा उनके कार्यों और योजनाओं में भी परिलक्षित होती है, जैसे कि संस्कार आधारित शिक्षा, जिसे बीजेपी शासन के तहत बढ़ावा दिया गया है। यह बयान राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से चर्चा में आया है, और आगामी चुनावों में यह मुद्दा एक बड़ा विषय बन सकता है।