


अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गुरुवार को हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश लेने पर रोक लगा दी। ट्रंप प्रशासन के होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम ने विभाग को हार्वर्ड के स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम प्रमाण-पत्र समाप्त करने का आदेश दिया है। इसके बाद अब हार्वर्ड अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिल नहीं दे सकेगा। वहीं हार्वर्ड में पढ़ने विदेशी छात्रों का ट्रांसफर करना होगा या वे लीगल स्टेटस खो देंगे।
नोएम ने कहा कि हार्वर्ड का कैंपस हिंसा, यहूदी-विरोध और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ सहयोग करने का अड्डा बन गया है। नोएम ने अप्रेल में हार्वर्ड को चेतावनी देते हुए कहा कि हार्वर्ड का प्रमाणपत्र केवल तभी बना रह सकता है जब वह अमेरिकी इमिग्रेशन कानूनों का पालन करे। ट्रंप प्रशासन ने गाजा युद्ध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के खिलाफ भी कई कदम उठाए हैं। ऐसे छात्रों का वीजा रद्द कर देश से निकाल दिया गया। आरोप है कि ये छात्र आतंकी संगठन हमास का समर्थन कर रहे हैं।
बदले की और गैरकानूनी कार्रवाई -हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
ट्रंप प्रशासन के आदेश को हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने गैरकानूनी और बदले की कार्रवाई बताया है। विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि इससे संस्था को गंभीर नुकसान पहुंचने का खतरा है। हम 140 से अधिक देशों के अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और विद्वानों की मेजबानी करने और विश्वविद्यालय को समृद्ध बनाने की अपनी क्षमता को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। सरकार की कार्रवाई हार्वर्ड के शैक्षणिक और शोध मिशन को कमजोर करती है।
अप्रेल-मई में रोका था संघीय अनुदान
ट्रंप प्रशासन ने गत मार्च अप्रेल में हार्वर्ड को 2.2 बिलियन डॉलर और मई के मध्य में 450 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त अनुदान राशि की कटौती कर दी थी। मई में की गई कटौती के समय संघीय सरकार ने हार्वर्ड को भेजे पत्र में कहा था कि हार्वर्ड भेदभाव और प्रदर्शन का अड्डा बन गया है। इसे अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता की विरासत को पुनः प्राप्त करने के लिए कठिन संघर्ष करना होगा।