


गुजरात की विसाबदर विधानसभा सीट पर जीत के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) में जश्न का माहौल है, लेकिन इसी बीच पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। बोटाद से AAP विधायक उमेश मकवाना ने विधानसभा में चीफ व्हिप और पार्टी के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है।
हालांकि, मकवाना ने साफ किया है कि वे पार्टी में बने रहेंगे और विधायक पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उनका कहना है कि पार्टी ने अपनी विचारधारा से समझौता किया है, यही कारण है कि उन्होंने पदों से इस्तीफा दिया है। इसको लेकर उन्होंने AAP संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी भी लिखी है।
चिट्ठी में क्या लिखा गया?
अरविंद केजरीवाल को लिखी चिट्ठी में उमेश मकवाना ने कहा,जय भारत, साथ में सूचित करता हूं कि मैं आम आदमी पार्टी में राष्ट्रीय संयुक्त सचिव के पद पर ढाई साल से सेवा दे रहा हूं। इसके साथ ही गुजरात विधानसभा में पार्टी के चीफ व्हिप की जिम्मेदारी भी निभा रहा हूं। फिलहाल मेरी सामाजिक सेवाएं सीमित हो गई हैं, इसलिए मैं पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में पार्टी में कार्य करता रहूंगा। कृपया मुझे सभी जिम्मेदारियों से मुक्त करें।
कांग्रेस और बीजेपी पर निशाना
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मकवाना ने कहा, गुजरात की राजनीति में जातिवादी सोच का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है। बीजेपी, कांग्रेस और अन्य पार्टियों में भी यही स्थिति है। मैंने 2020 से पहले बीजेपी छोड़ी और AAP से जुड़ा। 2022 में बोटाद से विधायक बना और मुख्य सचेतक की भूमिका निभाई।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने अब तक कोली समाज के किसी भी नेता को मुख्यमंत्री या प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया। वहीं कांग्रेस सत्ता से बाहर रहते हुए भी पिछड़े वर्ग की आवाज नहीं बन सकी है। विपक्ष के रूप में भी वह कमजोर साबित हुई है।”मकवाना ने आगे कहा, मैं 2027 के चुनाव को लेकर फैसला समाज के लोगों से चर्चा के बाद करूंगा — क्या नई पार्टी बनानी है या कोई और रास्ता अपनाना है, इसका निर्णय बाद में लूंगा। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में हुए उपचुनावों में AAP ने भी भेदभाव की नीति अपनाई।उन्होंने कहा, पार्टी ने पाटीदार नेता गोपाल इटालिया को जिताने के लिए पूरी ताकत लगा दी, जबकि कडी सीट पर दलित उम्मीदवार को पार्टी ने कोई समर्थन नहीं दिया। उसे लोन लेकर चुनाव लड़ना पड़ा।”गौरतलब है कि हाल ही में गुजरात की विसाबदर और कडी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। विसाबदर में आप उम्मीदवार को जीत मिली, जबकि कडी में पार्टी तीसरे स्थान पर रही।