


तिब्बती एक्सपर्ट ने भारत को आगाह किया है कि वह LAC के उस पार चीन की हरकतों को लेकर फौरन सचेत हो जाए। दरअसल, चीन पहले से ही अरुणाचल सेक्टर में सीमा के उस पार निर्माण कार्यों में बहुत ज्यादा सक्रिय रहा है। लेकिन, अब इसने एलएसी के पश्चिमी सेक्टर में भी ऐसी रेलवे लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया है, जिसे रणनीतिक तौर पर बहुत ही संवेदनशील माना जा रहा है। कहने के लिए तो शी जिनपिंग की सरकार ने अपने नियंत्रण वाले तिब्बत की राजधानी ल्हासा तक रेलवे लाइन बिछाकर उसे रेलवे मैप पर लाने का अभियान शुरू किया है, लेकिन इसके भारत पर पड़ने वाले सैन्य और सुरक्षा प्रभावों को कतई नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
तिब्बत में चीन ने लगाया रेलवे लाइन में हाथ
चीन ने मध्य तिब्बत में कनेक्टिविटी बढ़ाने के नाम पर जिस नए स्ट्रैटजिक रेलवे लाइन में हाथ लगाया है, उससे भारत से सटे सीमावर्ती इलाकों में उसके सैनिकों की आवाजाही और अन्य सैन्य संसाधनों को ढोने की उसकी क्षमता में अप्रत्याशित इजाफा होने वाला है। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार जानकारों की मानें तो बीजिंग ने जिस रफ्तार से इस कठिन प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया है, वह इसे पांच साल में पूरा कर सकता।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन की बड़ी साजिश!
तिब्बत पॉलिसी इंस्टीट्यूट स्टडिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट इन द हिमालयाज में एक रिसर्च स्कॉलर त्सेवांग दोर्जी का कहना है कि भारतीय सीमा के पास चीन की ओर से नई रेलवे लाइन और हाइवे प्रोजेक्ट मौजूदा सुरक्षा गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। दोर्जी ने कहा, 'पूर्वी सेक्टर में अरुणाचल प्रदेश के पास चीन ने पहले ही दक्षिण एशियाई देशों के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए जल संसाधनों पर नियंत्रण कर लिया है। अब पश्चिमी सेक्टर में लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड से सटी सीमा के पास यह एक नई रेलवे लाइन बिछा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन सतर्क हो गया है।'