


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में सड़क दुर्घटना पर रोक लगाने के लिए अंतरविभागीय बैठक नियमित रूप से हो। सड़कों पर सुरक्षा से जुड़ी कमियां पाए जाने पर उन्हें तत्काल दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सड़क पर बने बस स्टॉप पर नागरिकों को साफ-सफाई के साथ आवश्यक सुविधाएं मिलें। परिवहन विभाग की राजस्व संग्रह निगरानी प्रणाली को और मजबूत किए जाने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को मंत्रालय में हुई परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा जल्द हो शुरू
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा इंदौर से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परिवहन सेवा में यात्रियों की सुविधाओं और किफायती किराये पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि परिवहन सेवा में इलेक्ट्रिकल व्हीकल और उससे जुड़े अधोसंरचना के कार्य को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि परिवहन सेवा के लिए बनाए गए नियमों का सख्ती से पालन हो, यह सुनिश्चित किया जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा शीघ्र प्रारंभ की जा रही है। इसकी शुरूआत बसों की आवाजाही के प्रदेश के सबसे बड़े केंद्र इंदौर नगर से होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बसों में शहरों एवं गांवों के नाम फ्रंट ग्लास पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किए जाएं। साथ ही बस स्टॉप पर भी गांव और नगरों के नाम अनिवार्य रूप से लिखवाए जाएं। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए वाहनों की गति सीमा पर नियंत्रण किया जाना बेहद जरूरी है। इसी के साथ गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति के पास आवश्यक कागजों की वैधता की जांच भी नियमित हो। परिवहन विभाग में बेहतर प्रबंधन के लिए अधिकारी-कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर भी जोर दिया।
बैठक में बताया गया कि इस वर्ष 16 लाख 60 हजार वाहनों का पंजीयन किया गया है। इसमें 2 लाख 58 हजार से अधिक इलेक्ट्रिकल व्हीकल का पंजीयन किया गया है। प्रदेश में ऑन रोड वाहनों की संख्या एक करोड़ 80 लाख के करीब है। परिवहन से प्राप्त होने वाली राजस्व आय में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2024-25 में 4 हजार 874 करोड़ रुपए की राजस्व आय हुई है। इसमें पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बैठक में राजस्व वृद्धि के किए जाने वाले उपायों पर भी चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि राजस्व संग्रह में विशेष तौर पर चालान से प्राप्त की जाने वाली राशि के अधिकार प्रधान आरक्षक को सौंपे जाने की भी अधिसूचना शीघ्र जारी की जाएगी।