कैबिनेट ने दी Jan Vishwas Bill को मंजूरी, छोटे अपराधों को अपराध मुक्त करेगी सरकार
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 को मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने कहा कि छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से मुक्त करने के लिए जन विश्वास विधेयक लाया गया है।


payal trivedi
Created AT: 12 जुलाई 2023
6433
0

New Delhi: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 को मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने कहा कि छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से मुक्त करने के लिए जन विश्वास विधेयक लाया गया है। उन्होंने बताया कि आज यह विधेयक कैबिनेट बैठक में चर्चा के लिए आया था। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले साल 22 दिसंबर को जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक लोकसभा में पेश किया था। इसके बाद बिल को संसद की संयुक्त समिति के पास भेज दिया गया था।
19 मंत्रालयों और विधायी विभागों से की चर्चा
समिति ने विधायी विभाग और कानूनी मामलों के विभाग के साथ-साथ सभी 19 मंत्रालयों या विभागों के साथ विस्तृत चर्चा की है। समिति ने मार्च में रिपोर्ट अपनाई, जिसे उसी महीने राज्यसभा और लोकसभा के समक्ष रखा गया था।छोटे अपराधों को अपराध श्रेणी से मुक्त करने के लिए लाया गया विधेयक
संसदीय पैनल ने केंद्र को व्यापार और जीवनयापन को आसान बनाने उद्देश्य से जन विश्वास विधेयक की तर्ज पर छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से मुक्त करने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया था।समिति का सुझाव क्या था?
इसमें कहा गया था कि सरकार को प्रावधानों में संशोधन करना चाहिए, क्योंकि इससे अदालती मामलों के बैकलॉग को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही समिति ने यह सिफारिश की थी कि मुकदमेबाजी में हो रही बढ़ोतरी से बचने के लिए जहां तक संभव हो कारावास की वजह जुर्माना लगाया जाए। इस विधेयक में छोटे-मोटे अपराधों को अपराधमुक्त करने की मांग के अलावा विश्वास-आधारित शासन को बढ़ावा देते हुए अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक दंड को तर्कसंगत बनाने की भी परिकल्पना की गई है।इन अधिनियमों में किया जा रहा संशोधन
औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940, सार्वजनिक ऋण अधिनियम 1944, फार्मेसी अधिनियम 1948, सिनेमैटोग्राफ अधिनियम 1952, कॉपीराइट अधिनियम 1957, पेटेंट अधिनियम 1970, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 और मोटर वाहन अधिनियम 1988 समेत इत्यादि में संशोधन किया जा रहा है।ये भी पढ़ें
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने पार्टी कार्यालय में की प्रेस वार्ता, शिवराज सरकार पर जमकर साधा निशाना