


संसद के मानसून सत्र के दौरान आज लोकसभा में केंद्र सरकार तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने जा रही है। इन विधेयकों को लेकर जहां सरकार का दावा है कि ये “सुधारात्मक और जनहितैषी” हैं, वहीं कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने इन विधेयकों का कड़ा विरोध जताया है।
केंद्र सरकार जिन विधेयकों को आज बुधवार को लोकसभा में पेश करने वाली हैं, उनमें केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक, 2025, संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल है। हालांकि कांग्रेस ने इन विधेयकों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
कानून का दुरुपयोग
कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि इन विधेयकों के जरिए विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाना चाहती है। कांग्रेस प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बीजेपी विपक्ष को कमजोर करने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजना है कि केंद्र की एजेंसियों से विपक्षी नेताओं को मनमाने ढंग से गिरफ्तार कराया जाए और फिर नए कानून के तहत उन्हें तुरंत पद से हटा दिया जाए।
कांग्रेस का विरोध
कांग्रेस ने इन विधेयकों को लेकर केंद्र पर “लोकतांत्रिक प्रक्रिया को दरकिनार करने” का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, बिना व्यापक चर्चा के इन विधेयकों को पास करना तानाशाही की ओर इशारा करता है। हम संसद में इनका विरोध करेंगे। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार इन विधेयकों को जल्दबाजी में पारित कराना चाहती है, जबकि इनमें कई संवेदनशील प्रावधान हैं जो जनता के अधिकारों को प्रभावित कर सकते हैं।
लोकसभा में संभावित हंगामे के आसार
इन विधेयकों को लेकर विपक्ष पहले ही रणनीति बना चुका है। लोकसभा में हंगामे और वॉकआउट की संभावना जताई जा रही है।
विपक्ष की मांग है कि इन विधेयकों को पहले संसद की स्थायी समिति को भेजा जाए और सभी पक्षों से सुझाव लिए जाएं।