


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री को प्रदेश में चल रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और उन्हें मध्यप्रदेश में आगामी विकास कार्यों के भूमिपूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रमों में शामिल होने का आमंत्रण दिया।
सीएम ने दी जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 30 मार्च से 30 जून तक 'जल गंगा संवर्धन अभियान' चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत खंडवा जिला भूगर्भ जल भंडारण में देश में पहले स्थान पर रहा है और मध्यप्रदेश ने देश के शीर्ष चार राज्यों में स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि यह अभियान गुजरात मॉडल से प्रेरित है, जहाँ पारंपरिक जल स्रोतों के पुनरुद्धार पर विशेष कार्य किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अभियान के समापन कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल होकर आशीर्वाद देने का निमंत्रण दिया, जिसे प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी—इन चार स्तंभों के सशक्तिकरण के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि किसानों की आय बढ़ाने, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहन देने और कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आगामी 12, 13 और 14 अक्टूबर को सीहोर जिले में दो लाख से अधिक किसानों का वृहद सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री को इस महा-सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जानकारी दी कि धार जिले में पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क केंद्र सरकार के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री को इस पार्क के भूमिपूजन एवं औद्योगिक खंड आवंटन समारोह में भाग लेने का आमंत्रण दिया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया कि भोपाल मेट्रो परियोजना का संचालन अक्टूबर 2025 तक प्रारंभ हो जाएगा, जिसके उद्घाटन के लिए भी प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया गया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नक्सलवाद के विरुद्ध उठाए गए प्रभावी कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि पिछले डेढ़ साल में 10 से अधिक नक्सली मारे गए, जिन पर कुल 1.62 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। उन्होंने कहा कि अब बालाघाट जिले के कुछ तहसील क्षेत्रों तक ही नक्सली गतिविधियाँ सीमित रह गई हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की घोषणा के अनुसार मार्च 2026 तक प्रदेश को पूर्ण रूप से नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार ने विगत नौ वर्षों से लंबित कर्मचारियों की पदोन्नति के मामलों का समाधान किया है। नए पदोन्नति नियमों के लागू होने से लगभग 5 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा और 2 लाख से अधिक नए पदों पर भर्ती का रास्ता खुलेगा।
प्रदेश में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए दिया निमंत्रण
मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन से तीन हजार वर्ष पूर्व कालगणना की जाती थी, जिसे औपनिवेशिक काल में पहले पेरिस और फिर ग्रीनविच से प्रतिस्थापित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि एशिया के वैज्ञानिक इस बात पर सहमत हैं कि समय की शुद्ध गणना पूर्व दिशा से ही होनी चाहिए और भारत इसके लिए सबसे उपयुक्त है। इसी उद्देश्य से उज्जैन के निकट एक नई वेधशाला स्थापित की गई है, जो भविष्य में समय गणना का केंद्र बनेगी। इस विषय पर जनवरी 2026 में एक वैश्विक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया गया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सम्राट विक्रमादित्य के सुशासन और लोकतांत्रिक परंपराओं को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने हेतु एक महानाट्य श्रृंखला के माध्यम से देशभर में मंचन किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री को सूचित किया कि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय अलंकरण प्रारंभ करने का प्रस्ताव भेजा गया है और इसमें सहयोग का आग्रह किया गया है।
अंत में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि केंद्र सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ के मूलमंत्र को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ समन्वय में कार्य कर रही है।