


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 मई को NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक करेंगे। इस बैठक में 'ऑपरेशन सिंदूर' और उसके बाद की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हो सकती है। बीजेपी अपने सहयोगियों को बताएगी कि सीजफायर का निर्णय भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय फैसला था। बीजेपी कार्यकर्ताओं को यह संदेश देगी कि 'ऑपरेशन सिंदूर' का मकसद सिर्फ पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों को निशाना बनाना था, न कि किसी अन्य देश की सेना पर हमला करना। पार्टी भारत की आर्थिक ताकत बढ़ाने और चीन के मुकाबले बेहतर विकल्प के तौर पर उभरने पर भी जोर देगी।
क्या होगा बैठक का एजेंडा
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हो सकते हैं। इनके साथ ही जहां-जहां भी बीजेपी और एनडीए की सरकारें हैं वहां के सीएम-डिप्टी सीएम भी बैठक में शामिल होंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बैठक में मौजूद रहेंगे। बीजेपी 'ऑपरेशन सिंदूर' को सशस्त्र बलों की जीत के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है।
'ऑपरेशन सिंदूर' का राजनीतिकरण नहीं हो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट बैठक में अपने सहयोगियों को राजनीतिक टिप्पणी करने और राजनीतिक वाद-विवाद में पड़ने से बचने की सलाह दी थी। एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में सभी राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय एकता पर बात की। इससे पता चलता है कि बीजेपी 'ऑपरेशन सिंदूर' का राजनीतिकरण नहीं करना चाहती। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को साथ मिलकर काम करना चाहिए।
ग्राउंड वर्कर्स तक ये मैसेज देना चाहती है बीजेपी
बीजेपी अपने ग्राउंड वर्कर्स तक यह मैसेज पहुंचा रही कि 'ऑपरेशन सिंदूर' का उद्देश्य केवल पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों को निशाना बनाना था। इसका मकसद किसी अन्य देश की सेना पर हमला करना नहीं था। बीजेपी के भीतर यह राय भी है कि भारत को अपनी आर्थिक ताकत बढ़ानी चाहिए। उसे चीन के साथ चल रहे ट्रेड वॉर के बीच खुद को एक बेहतर विकल्प के रूप में दिखाना चाहिए।