


जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का 79 साल की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया है। वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज RML अस्पताल में चल रहा था। मलिक के निधन की जानकारी उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दी गई है। उनका पार्थिव शरीर आर.के.पुरम स्थित उनके आवास पर ले जाया जाएगा और कल लोधी श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
लंबे समय से बीमार चल रहे थे मलिक
मई 2025 में मलिक को तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्हें किडनी से जुड़ी गंभीर जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा था। डॉक्टरों की लगातार निगरानी के बावजूद उनकी तबीयत में कोई खास सुधार नहीं हो सका।
जम्मू-कश्मीर के आखिरी पूर्ण राज्यपाल
सत्यपाल मलिक ने अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभाला था। इसी दौरान जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था। उसके बाद उन्होंने गोवा और मेघालय में भी राज्यपाल की भूमिका निभाई।
सादगी और स्पष्टवादिता के लिए थे प्रसिद्ध
राजनीतिक जीवन में मलिक अपनी स्पष्ट और बेबाक राय के लिए जाने जाते थे। वे बीजेपी से जुड़े रहे, लेकिन कई मुद्दों पर उन्होंने सरकार की आलोचना भी की। किसान आंदोलन और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर दिए गए उनके बयानों ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं।
राजनीतिक जगत में शोक की लहर
उनके निधन की खबर के बाद राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों से शोक संदेशों का तांता लग गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, और अन्य नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया और उनके योगदान को याद किया।