देश के कई राज्यों में सड़कों और हाईवे पर खुले घूम रहे आवारा मवेशियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि हाईवे और सड़कों से आवारा मवेशियों को तुरंत हटाया जाए। दरअसल, आवारा कुत्तों से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, बस स्टैंडों, खेल परिसरों और रेलवे स्टेशनों से आवारा कुत्तों और अन्य ऐसे मवेशियों को तुरंत हटाए जाने और उन्हें आश्रय गृह भेजने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए 8 हफ्ते का समय दिया है।
अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी
सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे राजमार्ग गश्ती दल गठित करें जो सड़कों से आवारा पशुओं को पकड़कर उन्हें आश्रय गृहों में रखें जहां उनकी देखभाल की जाएगी। आवारा कुत्तों से जुड़े मामले में अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी।
जहां से पकड़े गए वहीं न छोड़े जाएं कुत्ते
बता दें कि न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने कहा कि आवारा कुत्तों को उसी जगह वापस नहीं छोड़ा जाना चाहिए जहां से उन्हें उठाया गया था। वहीं, शीर्ष न्यायालय ने आदेश दिया कि न्यायमित्र द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया जाए और वह उसके आदेश का हिस्सा होगी।
सड़कों से मवेशियों को हटाने का निर्देश
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान उच्च न्यायालय के उन निर्देशों की भी पुष्टि की जिनमें राज्य सरकार के अधिकारियों, नगरपालिका अधिकारियों और सड़क एवं परिवहन अधिकारियों को राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से मवेशियों को हटाकर उन्हें आश्रय स्थलों में पुनर्वासित करने का निर्देश दिया गया था