उत्पन्ना एकादशी शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 26 नवंबर को देर रात 01 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी और 27 नवंबर को देर रात 03 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाएगी।तुलसी मंजरी के उपाय
अगर आप आर्थिक तंगी से निजात पाना चाहते हैं, तो उत्पन्ना एकादशी के दिन स्नान-ध्यान के बाद विधिपूर्वक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय गाय के कच्चे दूध में तुलसी की मंजरी मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही धन संबंधी परेशानी दूर होती है।
अगर आप धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी को तुलसी की मंजरी युक्त या मिश्रित चावल की खीर अर्पित करें। आप खीर के ऊपर तुलसी की मंजरी रख भगवान विष्णु को अर्पित कर सकते हैं।
अगर आप जीवन में व्याप्त दुखों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी माता की पूजा अवश्य करें। इस समय कच्चे दूध से तुलसी माता को अर्घ्य दें। इस उपाय को करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
धन में वृद्धि हेतु उत्पन्ना एकादशी के दिन भक्ति भाव से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें। इस समय सात कौड़ी, एक श्रीफल और तुलसी की मंजरी लक्ष्मी नारायण जी को अर्पित करें। अब लाल रंग के वस्त्र में तीनों चीजों को रखकर बांध दें और घर की तिजोरी में रख दें। इस उपाय को करने से आय में वृद्धि होने लगती है। साथ ही घर में सुख और शांति बनी रहती है।
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